कानून के दरवाजे पर : फ़्रेंज़ काफ़्का की कहानी
-अनुवाद : सुकेश साहनी कानून के द्वार पर रखवाला खड़ा है. उस देश का एक आम आदमी उसके पास आकर कानून के स... Read more
-अनुवाद : सुकेश साहनी कानून के द्वार पर रखवाला खड़ा है. उस देश का एक आम आदमी उसके पास आकर कानून के स... Read more
स्त्री अपने घर के वृत्त में ही परिवर्तन के चाक पर घूमती रहती है. वह भी बदलते समय के साथ-साथ ही अपने... Read more
सुन्दर चन्द ठाकुर कवि, पत्रकार, सम्पादक और उपन्यासकार सुन्दर चन्द ठाकुर सम्प्रति नवभारत टाइम्स के मु... Read more
पिछली कड़ी साहित्य की प्रयोगशाला नैनीताल मेरे लिए साहित्य की प्रयोगशाला भी रहा जहां मैंने साहित्य की... Read more
1982 में जब एनडी तिवारी हेमवती नन्दन बहुगुणा के बाद मुख्यमंत्री बने, उस समय यहां के जंगलों में भीषण... Read more
ललछोंह लकड़ी की इस टीवी ट्रॉली और किताबों की इन दो छुटकी रैकों को जब भी देखता हूं तो राजपुरा, हल्द्वा... Read more
स्त्री अपने घर के वृत्त में ही परिवर्तन के चाक पर घूमती रहती है. वह भी बदलते समय के साथ-साथ ही अपने... Read more
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