कहानी: माँ पेड़ से ज़्यादा मज़बूत होती है
कहानियों का नदी की तरह कोई मुहाना नहीं होता ना ही सितारों की तरह उनका कोई आसमान. एक सजग दृष्टि और कानों की एकाग्रता किसी भी विषयवस्तु को कहानियों का चोला पहना देती हैं. (Story by Sunita Bhat... Read more
कहानी: कलकत्ते में एक रात
-आचार्य चतुरसेन शास्त्री कलकत्ता जाने का मेरा पहला ही मौका था. मैं संध्या-समय वहां पहुंचा, और हरीसन रोड पर एक होटल में ठहर गया. होटल में जो कमरा मेरे लिए ठीक किया गया, उसमें सब सामान ठिकाने... Read more
“जलवायु संकट सांस्कृतिक संकट है” अमिताव घोष
2024 का लब्ध प्रतिष्ठित “इरेमस” पुरस्कार प्रख्यात रचनाकार अमिताव घोष को प्रदान किया गया है. यह इस सन्दर्भ में अत्यंत महत्वपूर्ण है कि उनके द्वारा प्रकृति और मानव के सहजता पूर्ण स... Read more
होली में पहाड़ी आमाओं का जोश देखने लायक होता है
होली के त्यौहार को कुमाऊँ में अलग अलग अन्दाज़ में मनाया जा रहा है. बैठकी होली का दौर तो चलता ही है, साथ-साथ पुरुषों की खड़ी होली और महिलाओं की खड़ी होली भी पूरे जोश से मनाई जाती है.(Photos o... Read more
पहाड़ की होली और होल्यारों की रंग भरी यादें
पहाड़ की होली और होल्यारों की यादो का रंगीन पिटारा जहा भी खुले शमां रंगमस्त हो जाता है. कभी वक्त था जब लोग होली में गाव घरों को जाने का मन बहुत पहले बना लेते थे. नौकरी के लिये प्रवास में रह र... Read more
आज जब एक साल बाद नैनीताल आई, तो लगा जो भी यहाँ से लेकर गई हूँ, सारी अच्छी-बुरी यादें, खट्टे-मीठे पल और सब अहसासों का एक सुनहरा अनुभव, उन सब को संजो लेती हूँ, कैद कर लेती हूँ. अपनी छोटी सी दु... Read more
कहानी : साहब बहुत साहसी थे
आज शेविंग करते हुए ना जाने ध्यान बंट गया या फिर वही जल्दबाजी हुई कि गाल में एक बड़ा सा कट लग गया. मुझे शेविंग करना शुरू से ही पसंद नहीं रहा है. खून साफ करते-करते आज फिर सुधीर की याद आ गई... Read more
“चांचरी” की रचनाओं के साथ कहानीकार जीवन पंत
नैनीताल रईस होटल में रहते थे, गोरखा लाइन हाई स्कूल के नीचे, कृष्णापुर जाने वाले रास्ते के बायीं ओर. कोई बारह-तेरह साल की उम्र रही होगी. बाबू को देखता जो कला कृतियों के साथ किताब और पत्र-पत्र... Read more
आज फूलदेई है
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree आज फूलदेई है, प्रकृति की गोद में पलने और बढ़ने वाले पहाड़ियों का पर्व फूलदेई. प्रकृति का हर रंग पहाड़ियों के जीवन में मौजूद... Read more
कहानी : मोक्ष
दूर कहीं जंगल में घसियारियों के गीत समवेत स्वर में गुंजायमान हो रहे हैं. उधर डाल पर दरांतियों से जैसे ही खट-खट होती है वैसे ही पेड़ों से पत्तियां झरझराकर ज़मीन पर गिरती हैं. पत्तियों के झरझर... Read more