अभिलाषा पालीवाल के ऐपण कला में अद्भुत प्रयोग
हल्द्वानी में रहने वाली अभिलाषा पालीवाल की ऐपण कला पारंपरिक ऐपण कला और आधुनिक पेंटिंग का अद्भुत सम्मिश्रण हैं. देहरी और दीवारों के अलावा भी अभिलाषा की कल्पना की उड़ान ऐपण कला को नया आसमान दे... Read more
कल रात नैनीताल की सबसे खूबसूरत इमारतों में से एक – मोहन पार्क – आग में जल कर तहस नहस हो गया. Mohan Park Nainital Gutted इस ऐतिहासिक इमारत में 99 वर्षीय सेवानिवृत्त स्क्वाड्रन लीड... Read more
सुआल पथाई कुमाऊनी विवाह परम्परा का अभिन्न हिस्सा है. सुआल पथाई का कार्यक्रम विवाह से एक या तीन अथवा पांच दिन पहले वर व कन्या दोनों के यहां होता है. Suwal Pathai Song सुआल पथाई की इस विशिष्ट... Read more
कुमाऊं की ठंडी पहाड़ियों में रहने वाले लोग लम्बे समय से जाड़ों के मौसम में तराई क्षेत्र में आ जाया करते हैं. ये लोग भयंकर जाड़े से बचने के लिए अपने पालतू जानवरों के साथ तराई के अपेक्षाकृत गर... Read more
नैनीताल में शेरवानी लौज के पन दा की कड़क चाय
नैनीताल में शेरवानी लौज के पन दा की चाय जिसने एक बार पी ली तो समझो वह उस चाय का मुरीद हो गया. मूल रूप से दौलाघट के रहने वाले पनदा का हंसमुख स्वभाव ही ऐसा था कि जिससे दो-चार बातें हुई, उनसे... Read more
कहानी: भागने वाली लड़कियां
लड़कियों के लिए सड़क की ओर की चढ़ाई चढ़ना किसी यातना से गुजरने जैसा रहा. खड़ी चढ़ाई उनके ही नहीं अच्छे-अच्छों के होश ठिकाने लगा देती थी. दोनों किसी से मिले तथा कुछ कहे बगैर चुपचाप गांव से चल... Read more
पिथौरागढ़ उपचुनाव में भाजपा की चंद्रा पंत जीतीं
पिथौरागढ़ विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी चंद्रा पंत को जीत हासिल हुई है. कद्दावर भाजपा नेता प्रकाश पंत के असामयिक निधन के बाद पिथौरागढ़ विधानसभा सीट खाली हुई थी. (BJP’s won Pith... Read more
तबादला हो सकता है भगत सिंह कोश्यारी का
समाचार एजेंसी आईएएनएस की मानें तो महाराष्ट्र के राज्यपाल और उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत संह कोश्यारी का ट्रांसफर होने की बड़ी संभावना है. (Bhagat Singh Koshyari Might be Transferred)... Read more
हल्द्वानी शहर के निकट कई अन्य बस्तियां भी हुआ करती थीं. जो अब विकसित हो गई हैं. गोरा पड़ाव में गोरे अपना पड़ाव डाला करते थे. भोटिया पड़ाव में जाड़ों में जोहार शौका यानी भोटिया समुदाय अपनी भे... Read more
चीन-भारत युद्ध के पराक्रमी उत्तराखण्डी सैनिक की शहादत के 58 साल बाद उनका खाना बनता है और जूते पॉलिश किये जाते हैं
यह कहानी राइफलमैन जसवंत सिंह रावत की है. 19 अगस्त, 1941 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में गुमान सिंह रावत के घर जन्मे जसवंत सिंह गढ़वाल राइफल्स की चौथी बटालियन में तैनात थे. Brave Hero R... Read more