मंगलू जागर्या : नंदकिशोर हटवाल का नाटक जो परम्पराओं को विज्ञान की कसौटी पर परखता है
उत्तराखंड के गढ़वाल व कुमाऊं अंचल में जागर एक महत्वपूर्ण विधा है, गीत-संगीत और लोकनृत्य की. लोक ऐतिहासिक सामग्री के रूप में भी ये बहुमूल्य हैं. जागर, देवताओं से सम्बंधित होते हैं या देवत्व-प... Read more
अर्धांगिनी : छुट्टी में पहाड़ आये फ़ौजी का घर-संसार लपेटे शैलेश मटियानी की कहानी
टिकटघर से आखिरी बस जा चुकने की सूचना दो बार दी जा चुकने के बावजूद नैनसिंह के पाँव अपनी ही जगह जमे रह गए. सामान आँखों की पहुँच में सामने अहाते की दीवार पर रखा था. नज़र पड़ते ही, सामान भी जैसे... Read more
सुवा रे, ओ सुवा !बनखंडी रे सुवा.हरियो तेरो गात,पिंडलो तेरो ठूनाबनखंडी रे, सुवा !(Suhagin Story Shailesh Matiyani) काँसे की थाली में कमलावती बोज्यू रोली-अक्षत भिगो रही थीं और पद्मावती अपनी डब... Read more
मनोहर श्याम जोशी की कहानी ‘उसका बिस्तर’
बहुत मुश्किल से एक अदद मामूली नौकरी पा लेने के बाद उसने महसूस किया कि अभी और भी कई चीजें हैं जिन्हें पा सकना आसान नहीं. सबसे पहले महानगरी दिल्ली में रहने के लिए जगह. यह मुश्किल एक परिचित के... Read more
मुंशी प्रेमचंद जयंती (31 जुलाई) पर विशेष Remembering Munshi Prem Chand on his Anniversary वर्तमान परिदृश्य में यदि नीति- नियन्ताओं की मानें तो भारत कई दृष्टि से मजबूत व ऐतिहासिक फैसले लेने म... Read more
हिंदी कहानी की यात्रा को जानने-समझने के लिए एक महत्वपूर्ण किताब -चिंतामणि जोशी इसमें दो राय नहीं कि कहानी हिंदी ही नहीं विश्व साहित्य की ऐसी केंद्रीय विधा है जो अधिसंख्य पाठकों को सर्वाधिक आ... Read more
संकल्प : पहाड़ी घसियारिनों की कहानी
-चन्द्रकला पहाड़ की चोटी पर घाम दिखाई देने लगा है. पहाड़ों पर घाम आने तक तो घर से बाहर काम-काज के लिए निकलने की तैयारी पूरी हो जाती है. बचुली भी जल्दी-जल्दी अपने काम निपटा रही है. उसे... Read more
न जाने पहाड़ के कितने परिवारों की हकीकत है क्षितिज शर्मा की कहानी झोल खाई बल्ली
सर्दी ने थोड़ी राहत दे दी थी. चार दिन से रुक-रुककर बर्फ गिरने के बाद आज कुछ देर को धूप निकल आई थी. एकदम मरियल, पीली-पीली. उसमें हल्की-सी तपन तो थी, पर बर्फ पिघलाने की ताकत बिलकुल नहीं थी.(Jh... Read more
देवीधुरा का पान और नेता बहादुर – सच्ची घटना पर आधारित उमेश तिवारी ‘विश्वास’ की कहानी
वो मरने ही आया था यहाँ. देवीधुरा पहाड़ की चोटी पर बना ग्राम देवता का वह मंदिर अब खंडहर में तब्दील हो चुका था. आधी गिर चुकी दीवाल से पीठ लगा पानदेब भूखे पेट की ऐंठन को दबाने का भरसक प्रयत्न क... Read more
मूसा सौन और पंचू ठग की कुमाऊनी लोककथा
बहुत समय पहले बमौरा नाम का एक गाँव था जहाँ के निवासी बहुत संपन्न थे. उस गाँव के पड़ोस में एक लुटेरा डाकू रहता था जिसका नाम पंचू ठग था. उसने आसपास के गाँवों की महिलाओं को आतंकित कर रखा था – व... Read more