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2 Comments

  1. राजेश कुमार

    ,दिल को छू लेने वाली मर्मान्तक कहानी। कथाकार प्रेमचंद की तरह का लेखन।मर्मस्पर्शी चित्रण। धन्यवाद।

  2. kamal pant

    लेखिका को हार्दिक शुभकामनाएं,पहाड़ की अबला नारी की विडंबना का सजीव चित्रण किया है।

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