कानून के दरवाजे पर : फ़्रेंज़ काफ़्का की कहानी
-अनुवाद : सुकेश साहनी कानून के द्वार पर रखवाला खड़ा है. उस देश का एक आम आदमी उसके पास आकर कानून के स... Read more
-अनुवाद : सुकेश साहनी कानून के द्वार पर रखवाला खड़ा है. उस देश का एक आम आदमी उसके पास आकर कानून के स... Read more
स्त्री अपने घर के वृत्त में ही परिवर्तन के चाक पर घूमती रहती है. वह भी बदलते समय के साथ-साथ ही अपने... Read more
सुन्दर चन्द ठाकुर कवि, पत्रकार, सम्पादक और उपन्यासकार सुन्दर चन्द ठाकुर सम्प्रति नवभारत टाइम्स के मु... Read more
किसी बच्ची की नाक की लौंग खेंची जा रही है किसी के कान की बालियां. एक कोने में खड़ी दो बच्चियां सुबक र... Read more
यदि आप हाल-फिलहाल उत्तराखण्ड में पर्यटक या ट्रेकर या पर्वतारोही बनकर आये हैं या ऐसा करने की मंशा रखत... Read more
भाषाविदों के अनुसार कुमाँऊनी एक इंडो आर्यन भाषा है जो कुमाऊँ में प्रचलित है और अलग-अलग जनपदों में थो... Read more
स्त्री अपने घर के वृत्त में ही परिवर्तन के चाक पर घूमती रहती है. वह भी बदलते समय के साथ-साथ ही अपने... Read more
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