कानून के दरवाजे पर : फ़्रेंज़ काफ़्का की कहानी
-अनुवाद : सुकेश साहनी कानून के द्वार पर रखवाला खड़ा है. उस देश का एक आम आदमी उसके पास आकर कानून के स... Read more
-अनुवाद : सुकेश साहनी कानून के द्वार पर रखवाला खड़ा है. उस देश का एक आम आदमी उसके पास आकर कानून के स... Read more
स्त्री अपने घर के वृत्त में ही परिवर्तन के चाक पर घूमती रहती है. वह भी बदलते समय के साथ-साथ ही अपने... Read more
सुन्दर चन्द ठाकुर कवि, पत्रकार, सम्पादक और उपन्यासकार सुन्दर चन्द ठाकुर सम्प्रति नवभारत टाइम्स के मु... Read more
रोज की तरह, सात साल का गुट्टू मुन्ना अपनी हमउम्र पड़ोसिन चुनमुन के पास खेलने पहुँचा. चुनमुन उसे अपने... Read more
मुझे सचमुच इस चीज़ से फ़र्क नहीं पड़ता कि उसे कैसा लगता है मेरे बिना … खा़स तौर पर मैं उन दिनो... Read more
डीडीहाट और बेरीनाग की वयः संधि पर पूर्वी रामगंगा के तट पर स्थित है थल. थल से एक रास्ता मुवानी होते ह... Read more
स्त्री अपने घर के वृत्त में ही परिवर्तन के चाक पर घूमती रहती है. वह भी बदलते समय के साथ-साथ ही अपने... Read more
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