नैनीताल के पर्यटन व्यवसाय की कुकुरगत्त
उत्तराखण्ड के कई पर्यटन स्थल सरकारी पर्यटन नीति के रहमोकरम पर नहीं हैं, इनमें से एक है नैनीताल. नैनीताल मसूरी के बाद राज्य का दूसरा सर्वाधिक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है. सैलानियों के बीच नैनीताल... Read more
तब ऐसी ईमानदारी थी हल्द्वानी में
दो दिन पहले एक मित्र का एक दुकान में कुछ सामान खरीदने के दौरान पर्स छूट गया. मेरे मित्र दोबारा पर्स के बारे में पता करने दुकान में पहुंचे तो दुकानदार ने किसी पर्स के मिलने से साफ इन्कार कर द... Read more
उत्तराखड में स्थापत्य एवं मूर्तिशिल्प का बेजोड़ नमूना : कटारमल का सूर्य मंदिर
संसारभर में समुद्र की सतह से सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित एकमात्र सूर्य मंदिर तथा कोणार्क (ओडिशा) के सूर्य मंदिर के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा सूर्य मंदिर उत्तराखड में कटारमल (अल्मोड़ा) स्थित सूर... Read more
मजा बड़ी चीज है चचा! पहाड़ से हमें क्या लेना देना!
इस बार पुट्टन चाचा पहाड़ से वापस आए तो उनके कैमरे में गदेरों से ज्यादा धुंआ भरा था. फोन गैलरी में कहीं लंबा जाम लगा था तो कहीं जंगलों का मसान लगा था. (Uttarakhand Devastated by Silly Practic... Read more
उत्तराखंड में जब कभी रिवर राफ्टिंग की बात आती है तो अधिकांश लोग ऋषिकेश तक सीमित हो जाते हैं. पिछले कुछ सालों में ऋषिकेश रिवर राफ्टिंग के लिये पूरे उत्तर भारत में अपना नाम कमा चुका है. रोमांच... Read more
देहरादून से विकासनगर होते हुए एक रास्ता जौनसार बावर के लिए चल पड़ता है. इस रास्ते में उत्तराखंड के खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक पड़ता है चकराता. देवदार के घने जंगलों के बीच मनमोहक चकराता... Read more
बच्चे कैसे जिएंगे हिंसक होते जा रहे समाज में
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – ग्यारहवीं क़िस्त पिछली क़िस्त का लिंक: कुदरत और संगीत का मरहम सारी दुनिया में फैला पड़ा है मेरे बच्चे! जिस बात का डर था वही हुआ. मैं नहीं चाहती थी कि तुम्हारे... Read more
गंगा मंदिर मुखीमठ: गंगा मैया का शीतकालीन प्रवास
उत्तरकाशी गंगोत्री रोड पर 73 किमी की दूरी पर बसे खूबसूरत गाँव हरसिल को भला कौन नहीं जानता. हरसिल से ही भागीरथी नदी को पार कर लगभग 3.50 किमी की दूरी तय करने के बाद आता है मुखबा. हरसिल से 3 कि... Read more
बचपन के उन दिनों गांव से आने वाला कोई परिजन या अन्य ग्रामीण जब घर से आई समौण (सौगात) के तौर पर एक-दो पोटलियां मां के हाथ में सौंपता था तो हमारी निगाह उसके अंदर अखरोट, च्यूड़े, नारंगी और माल्... Read more
जब संपादकीय टिप्पणी के साथ ‘जनजागर’ के मुखपृष्ठ पर मेरी कविता प्रकाशित हुई
पहाड़ और मेरा जीवन – 38 (पिछली कड़ी: एक शराबी की लाश पर महिलाओं के विलाप ने लिखवाई मुझसे पहली कविता ) आठवीं से नवीं में आने के सफर के दौरान मुझे खुद में दो बदलाव साफ दिखाई दिए- पहला तो मैं छ... Read more