हेमवती नंदन बहुगुणा का बचपन और प्रारम्भिक शिक्षा
दुनिया मुझे हेमवती नंदन बहुगुणा के नाम से जानती है. गाँव वालों के लिए मैं कळ्या था. साँवले वर्ण के कारण. काकी-ताई-दादी के लिए मैं हमेशा कळ्या ही रहा. मैं भी कभी कुछ भिजवाता तो कहता कि कहना क... Read more
देवभूमि उत्तराखंड में गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट सादगी पूर्ण तरीके से खोले गए. गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट जहां प्रतिवर्ष हर्षोल्लास के साथ कपाट खोले जाते हैं. इस बार देश में ल... Read more
किराये के वीडियो कैसेट प्लेयर में सिनेमा के मजे
‘अरे भयी सब लोग कान खोल के सुन लो, फिर मत कैना कि बताया नी. एक तो बड़ी मुसकिल से आज मिला है, वो तो कल की तरा आज भी हमें बेकूफ बनारा था. कैरा था कि तुमसे पैले किसी और की बुकिंग है, तुम कल ले... Read more
कोरोना से लड़ती उत्तराखण्ड की महिलाएं कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय द्वारा सम्मानित
कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रही उत्तराखण्ड की महिलाओं को कैम्ब्रिज विवि ने बड़ा सम्मान दिया है. इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय ने इन पहाड़ी महिलाओं की मेहनत एवं विषम परिस्थितियों में किये गए संघर... Read more
चंद्रा नदी के तट पर बसे दो गावों की सदियों पुरानी दुश्मनी खत्म करने वाली प्रेम कहानी
बीच में कल-कल करती हुई चंद्रा नदी. बलुवाई मिट्टी के दो तट मिलने से सदा मजबूर. किंतु उनसे भी अधिक मजबूर थे दोनों तटों से पट कर बसे हुए दो गांव माधोपुर और सुजानपुर. माधोपुर नदी की बायीं ओर और... Read more
कोरोना के असर के बीच बाबा केदार चले अपने धाम
भारत सहित पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के कारण सब कुछ उलट-पलट गया है. इंसान तो क्या भगवान पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है. (Lord Shiva Kedarnath) केदारघाटी के आराध्य देव विश्वप्रसिद्ध ग्य... Read more
लॉक डाउन के बादल छंटने के इंतजार में खास मशरूम ‘च्यू’ बेचने वाले उत्तराखंडी
लॉक डाउन के चलते आजकल पहाड़ी अंचलों में निवासरत लोग एक खास प्रकार के मसरूम को ढूंढते नजर आ रहे हैं. काफी महंगा बिकने वाला यह मसरूम आसानी से नहीं मिलता इसे ढूंढने के लिये काफी मेहनत की जरूरत... Read more
अल्मोड़ियापन, अल्मोड़ियत या अल्मोड़िया चाल का दस्तावेज है भूमिका जोशी की पहली किताब
‘लच्छी’ भूमिका जोशी का इसी वर्ष प्रकाशित उपन्यास है. वाणी प्रकाशन से छपा यह उपन्यास एक घर, उसके बाशिन्दों और एक शहर की कहानी है. उपन्यास में अपने को पढ़वा ले जाने की क्षमता है. छह उप-शीर्षको... Read more
कभी छत में आने की फुर्सत तो निकालो प्यारे
मेरे दार्शनिक बाबूजी कहते थे, जिंदगी में सुखी रहोगे अगर ये अंदर बिठा लो ‘ये भी न रहेगा’. इस सूत्र ने मुझे सुख में उछलने न दिया. दुःख मिला तो काढ़ा बना कर इम्यून सिस्टम मजबूत करने के ल... Read more
कनार में भगवती कोकिला के मंदिर में रात बिताने के बाद हम भुप्पी के घर मेहमान बने. कल हमने उनके फटे झोले को सिला था आज उन्होंने हमारी भूख को. यहाँ पर अपने पर्स, बेल्ट और कुछ गैर जरूरी सामान को... Read more