मयनोशों का लॉकडाउन और शहंशाह मास्स्साब का किस्सा
लॉकडाउन के चलते जब सब कुछ बंद है तो ऐसे में कई किस्से खुल रहे हैं. हर वो दौर चर्चाओं में आ रहा है जिसका असर आज के ठप पड़े बाजारों से है. किस्सों की पोटली जिसकी सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है वो... Read more
आमा के हाथ का ज़ायक़ेदार खाना
गॉंव में कच्चा घर, गौशाला में बंधे गाय, बैल और भैंसे, लकड़ी का चूल्हा और इन सबसे घिरा गॉंव का जीवन अब शहरों की तरफ पलायित होने के बाद बहुत याद आता है. वैसे तो गॉंव की यादों के कई-कई ग्रंथ लि... Read more
आम की तो छोड़ो गुरु अमरूद कहाँ हैं यही बता दो
“स्टिल वर्किंग?” किसी बहुराष्ट्रीय कम्पनी में उच्च ओहदे पर अवस्थित दोस्त ने फोन पर अपनी टोन में घुसी आ रही मुस्कुराहट को छुपाते हुए पूछा. Amit Srivastava Questions the Unquestioned “या... Read more
प्रवासियों और यूएई सरकार के प्रयास से भारत पहुंचा उत्तराखण्ड के युवक का शव भारत सरकार ने लौटाया
उत्तराखंड के टिहरी जिले के रहने वाले कमलेश भट्ट की संयुक्त अरब अमीरात में 16 अप्रैल को हार्ट अटैक (मृत्यु का कारण अभी भी संदिग्ध है) से मौत हो गई थी. गुरुवार की रात को कमलेश भट्ट के साथ दो अ... Read more
आज बटरोही का 75वां जन्मदिन है – पुराने दोस्त देवेन मेवाड़ी याद कर रहे हैं उनके साथ बीते समय को
वह लड़का, मेरा दोस्त, आज उम्र के 75 वें पायदान पर कदम रख रहा है. Deven Mewari Remembers Student Days of Batrohi वह 1962 का वर्ष था जब मैं ओखलकांडा से ददा के साथ आगे पढ़ने के लिए नैनीताल पहुं... Read more
पुस्तक परिचय : पहला अध्यापक
मूल लेखक – चिंगिज ऐटमाटोव (Pehla Adhyapak Chingeez Aitmatov)मूल भाषा – रूसीहिंदी अनुवादक – भीष्म साहनीपुस्तक परिचय – लवकुश अनंत यह छोटी पुस्तक संघर्ष, जिजीवषा , मेहनत और लगन का सम्पूर्... Read more
शैलेश मटियानी से पहली मुलाकात
यह किताब मैंने 2001 में मटियानीजी की मृत्यु के फ़ौरन बाद लिखनी शुरू की थी और इसके न जाने कितने ड्राफ्ट तैयार किये. हर बार लगता था कि मैं जो लिखना चाहता था, उसे न लिखकर कुछ और लिखने लगता था.... Read more
मटियानी का सूबेदार नैनसिंह और उसकी सूबेदारनी
मेरे लिये बड़ी कहानी या कविता वही है जिसे पढ़कर कुछ समय के लिये बस चुप रहने का मन करे. आँखों में नमी, होठों पर हल्की मुस्कान, हंसी से लाल गाल, गरम कान, लम्बी गहरी सांस, रोंगटे खड़ेकर शरीर को... Read more
‘सेपीयन्स’ ‘होमो डेयस’ और ‘21 लेसन फॉर 21 फर्स्ट सेंचुरी’ आदि किताबों के लेखक युवाल नोहा हरारी के कोरोना महामारी के वक्त में लिखे गए लेख इस समय दुनिया भर में चर्चित हैं. ‘द ग... Read more
कोरोनावायरस के अंत के बाद की दुनिया
‘सेपीयन्स’ ‘होमो डेयस’ और ‘21 लेसन फॉर 21 फर्स्ट सेंचुरी’ आदि किताबों के लेखक युवाल नोहा हरारी के कोरोना महामारी के वक्त में लिखे गए लेख इस समय दुनिया भर में चर्चित हैं. अंग्रेजी में लिखे मू... Read more