उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल के रुद्रप्रयाग जिले में है भगवान शिव का मंदिर रुद्रनाथ. रुद्रनाथ पंचकेदारों में से एक है, इसे चौथा केदार माना जाता है. रुद्रनाथ में शिव के एकानन रूप यानि मुख की पूजा... Read more
संतोषी माता का दिन और लालची मीटखोर
हिमालय की मेरी पहली यात्रा – 7 (पिछली कड़ियां : हिमालय की मेरी पहली यात्रा – 1 बागेश्वर से लीती और लीती से घुघुतीघोल हिमालय की मेरी पहली यात्रा – 2 गोगिना से आगे रामगंगा नदी को रस्सी से पार क... Read more
भारतीय टीम के 1983 विश्वकप अभियान को अगर फाइनल तक ले जाने का श्रेय कपिल देव को जाता है तो उसे सेमीफाइनल और फाइनल में जिताने वाले खिलाड़ी का नाम भी उतनी ही इज्जत के साथ लिया जाना चाहिए. (Mohin... Read more
जा जा रे जा बालमवा
(पोस्ट को रुचिता तिवारी की आवाज़ में सुनने के लिए प्लेयर पर क्लिक करें) मेलोडेलिशियस-5 ये ऑल इंडिया रेडियो नहीं है. ये ज़ेहन की आवाज़ है. काउंट डाउन नहीं है ये कोई. हारमोनियम की ‘कीज़... Read more
विलुप्ति की कगार पर पहाड़ का एक लोकदेवता
कुमाऊं के रास्तों में अनेक जगह पर आपको ऐसी टीलेनुमा आकृति मिल जायेगी जहां पर लोग आस्था के साथ पत्थर चढ़ाते हैं. क्या आप जानते हैं पहाड़ों के इस स्थानीय देवता का क्या नाम है? कुमाऊं में इस तरह... Read more
मर्लिन मुनरो का टेलीफोन उठा लो परमेश्वर!
क्या मर्लिन मुनरो का जीवन विश्व सिनेमा की सबसे बड़ी त्रासदी था? (Marilyn Monroe Birthday) यह सवाल मुझे बहुत लम्बे समय से परेशान करता रहा है. जब कुछ बरस पहले मैंने निकारागुआ के बड़े आधुनिक कवि... Read more
कफनी ग्लेशियर की तरफ
हिमालय की मेरी पहली यात्रा – 6 (पिछली कड़ियां : हिमालय की मेरी पहली यात्रा – 1 बागेश्वर से लीती और लीती से घुघुतीघोल हिमालय की मेरी पहली यात्रा – 2 गोगिना से आगे रामगंगा नदी को रस्सी से पार क... Read more
कपकोट: बागेश्वर जिले की सबसे बड़ी तहसील
कपकोट उत्तराखण्ड राज्य के कुमाऊँ मंडल में जिला बागेश्वर की सबसे बड़ी तहसील है. कपकोट दियोली पर्वत की तलहटी में सरयू और खीरगंगा नदी के संगम पर बसा है. जिला मुख्यालय से इसकी दूरी 24 किमी है. आज... Read more
अल्मोड़ा: एक लाइव रोमांस
जिंदगी में प्यार का कोई कारण नहीं होता. प्यार कभी भी, किसी से भी हो सकता है. यह एक ऐसा क्षेत्र है जिस पर अग्रमस्तिष्क और अवचेतन का कोई नियंत्रण नहीं होता. यह कहीं और से ड्राइव होता है. अल्मो... Read more
फ्रैंकफर्ट में जहाज बदला और हंगरी के स्थानीय समय के अनुसार पूर्वाह्न साढ़े दस बजे, जिस वक़्त भारत में दोपहर के दो बज रहे होंगे, मैं उस नई दुनिया में पहुंचा जिसे साक्षात महसूस करते हुए भी जिसकी... Read more