डूबना एक शहर का : प्रसंग टिहरी
अपने डूबने में यह हरसूद का समकालीन थाशहरों की बसासत के इतिहास को देखें तोयह एक बचपन का डूबना था(Poem Harish Chandra Pande) इतिहास से बाहर जाएँ, जैसे मिथक मेंतो यहाँ एक मुक्ति दा नदी बाँधी जा... Read more
उत्तराखण्ड की लक्ष्मी रावत बनीं ‘श्रीराम सेंटर फॉर परफार्मिंग आर्ट’ की वर्कशाप डायरेक्टर
उत्तराखण्ड मूल की थियेटर आर्टिस्ट लक्ष्मी रावत देश के बड़े थियेटर ग्रुपों में शुमार ‘श्रीराम सेंटर फॉर परफार्मिंग आर्ट’ की नयी वर्कशाप डायरेक्टर के तौर पर नियुक्त की गयी हैं. अपनी नयी भूमिका... Read more
शेरदा ‘अनपढ़’ की कविता मुर्दाक बयान
जब तलक बैठुल कुनैछी, बट्यावौ- बट्यावौ है गेपराण लै छुटण निदी, उठाऔ- उठाऔ है गे(Sherda Anpadh Poem) जो दिन अपैट बतूँ छी,वी मैं हूँ पैट हौ,जकैं मैं सौरास बतूँ छी,वी म्यैर मैत हौ lमाया का मारगा... Read more
ओशो कहते हैं कि ‘संतान कितनी ही बड़ी क्यों न हो जाए, अपने माता-पिता से बड़ी कभी नहीं हो सकती.’ लेखक ललित मोहन रयाल का अपने पिता मुकुन्द राम रयाल पर लिखी किताब ‘काऽरी तु कब्बि ना हाऽरि’ का मु... Read more
मां आज भी सभी सिक्कों को डॉलर ही कहती है
ब्रह्म ने पृथ्वी के कान में एक बीज मंत्र दे दिया हैउसी क्रिया की प्रतिक्रिया मेंजब बादल बरसते हैं,तो स्नेह की वर्षा होने लगती हैऔर पृथ्वी निश्चल भीग उठती है.आज भी बादलों के गरजने औरधरती पर फ... Read more
गोविन्द वल्लभ पन्त की कहानी ‘फटा पत्र’
प्रजापति और मास्टरों के घंटों में इतनी शरारत नहीं करता था, जितनी पंडित श्रानंदरन साहित्य-शास्त्रीजी के घंटे में. वे जब लड़कों की कापियाँ शुद्ध करते थे, तब लड़के उनकी मेज को चारों ओर से घेर ल... Read more
फागुन के आखिरी दिनों में रफल्ला, गाँव के नजदीक के गधेरे में अपना घाघरा धो रही है. बसंत इन दिनों से एक हाथ आगे होता है. इन एकदम उदास मटमैले दिनों में लगभग सभी चीजें खुद-ब-खुद कहीं डूब गयी सी... Read more
अमरीका के सबसे ज़्यादा बिकने वाले समकालीन लेखकों में से एक क्रिस्टोफ़र पॉलीनि अब सैंतीस साल के हैं. जब उनकी पहली किताब प्रकाशित हुई थी तो उनकी उम्र महज़ सत्रह साल की थी. उन्नीस साल का होने स... Read more
शेरदा अनपढ़ और नरेन्द्र सिंह नेगी की जनप्रतिनिधियों पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी
लगभग चौबीस सौ साल पहले जन्मे महान दार्शनिक अरस्तु द्वारा शासन सम्बन्धी व्यवस्था पर प्रतिपादित अपने तीन वर्गीकरण में से जनतांत्रिक शासन ही आज भी लोकप्रिय शासन माना जाता है. अब्राहम लिंकन ने ल... Read more
जिस राष्ट्र में यह कहा जाता हो कि “तीन कोस पर पानी बदले, नौ कोस पर बोली”, जहाँ हर प्रकार की मिट्टी, विभिन्न जलवायु, सभी धर्मों के लोग पाये जाते हो, वहाँ यह समझने में थोड़ी कठिनाई होती है कि... Read more