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2 Comments

  1. Kamal Kumar Lakhera

    आपकी राय गलत समय पर आई, ऐसा प्रतीत होता है जैसे बहते नाले में हाथ धोने का प्रयास किया जा रहा है ।

  2. गिरीश

    इण्डिया शब्द का विरोध की देश के संदर्भ मैं बहस कभी भी हो सकती है । आदरणीय हरगोविंद पंत जी का विरोध समयानुकूल था और यथोचित था। पर आज तो किसी पार्टी ने अपनी पार्टी का नाम इण्डिया रखा है यह भी किसी से पूछकर रखा जाना चाहिए था क्या ? यह विवाद तो निरर्थक है ।
    विरोध तो उत्तरांचल से जब उत्तराखंड किया गया तब भी होना चाहिए था । उत्तरांचल इतना सांस्कृतिक नाम था उसे बदल कर खण्ड कर दिया गया जो उत्तराखंड की संस्कृति के भी अनुरूप नहीं है ।
    हम उत्तराखंडियों की यह भी संस्कृति रही कि हम विरोध भी प्रायः समय बीतने पर ही करते हैं । अगर मैं सही हूं तो यह परिवर्तन भी भारतीय जनता पार्टी के ही कार्य काल मैं हुवा था ।

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