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1 Comments

  1. विकास नैनवाल

    आपकी बात से पूर्णतः सहमत हैं। अक्सर एक ही पहलू को लोग देखना चाहते हैं। दूसरे पहलू पर भी नजर डालें तो कुछ बात हो। फिर जहाँ तक अंधविश्वास की बात है तो पश्चिम में अंधविश्वास की कमी नहीं है। उनके अपने अंधविश्वास हैं। ऐसे में एक समाज को चिन्हित करने का कोई औचित्य नहीं है।

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