महिलाओं के हिस्से है पहाड़ की खेती
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree भारतवर्ष के अन्य पर्वतीय प्रदेषों की भांति कृषि उत्तराखंड की अधिकांश जनसंख्या के जिविकोपार्जन का मुख्य व्यवसाय हैं. पर्वतीय... Read more
पांच शक्तियां जो दौड़ाएंगी आपसे मैराथन
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree मुंबई में पिछले संडे यानी 21 जनवरी को टाटा मुंबई मैराथन का आयोजन हुआ. यह दुनिया की टॉप 10 मैराथनों में से एक है. इसमें लगभग... Read more
क काथ: लछू कुठ्यारीक च्याल
भौत पैलियकि बात छ. एक गौं में लछू कुठ्यारीक नूंक एक विद्वान बामण रूनेर भा. जो भौत पढ़ी लेखी और भाल मैस लै भा. इलाक में उनरी भौत इज्जत भै. पर पूरब जनमाक करमनि लछू कुठ्यारीक एक एक कै छ च्... Read more
छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : कोई न रोके दिल की उड़ान को
पिछली कड़ी – छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : ये वादियाँ ये सदायें बुला रही हैं तुम्हें काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree अब सफर था कनालीछिना, असकोट, गर्जिया, बल... Read more
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree पिछली कड़ी – दारमा घाटी में घरों के बीच का रास्ता स्वप्नलोक जैसा लगा सरिता ने बताया कि, “बारह वर्ष की इस बार की... Read more
पहाड़ों की अति कठिन जिंदगी में सहृदयता
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree पिछली कड़ी : जब नायिकाओं का पहाड़ पर जाना रोगी हो कर ही होता था कालीमठ के छोटे से बाजार से लौटते हुए मन में मीनाक्षी की बात... Read more
ले कावा दै मैं कें दे भलि-भलि ज्वै
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree आज सत्तर साल बाद यहां दूर बेंगलुरू में अपने बचपन का पुष्योंण याद आ गया. पौष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन ही हम पुष्यों... Read more
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree इस बार मैं अपने सबसे favourite टॉपिक माइंडफुलनेस और मेडिटेशन पर आपसे बात करने जा रहा हूं. माइंडफुलनेस और मेडिटेशन आज के भाग... Read more
प्रेमचंद की कहानी : बड़े भाई साहब
-प्रेमचंद मेरे भाई साहब मुझसे पाँच साल बड़े थे, लेकिन केवल तीन दरजे आगे. उन्होंने भी उसी उम्र में पढ़ना शुरू किया था जब मैंने शुरू किया था; लेकिन तालीम जैसे महत्त्व के मामले में वह जल्दबाज़ी... Read more
नाटक: ‘बड़े भाई साहब’ की झलकियाँ
मैं पढ़ रही हूं, क्या?नहीं पता.क्यों? ये भी नहीं पता.मगर मैं पढ़ रही हूं. (Glimpses Bade Bhai Saheb) कुछ ऐसे ही सवाल जो हर समय काल में हर विद्यार्थी के मन में उठते हैं और जिनके जवाब वह ढूंढन... Read more