पहली बार उस लड़की से मिलिए तो उसमें आपको एक निहायत भोली और ठेठ पहाड़ी लड़की नज़र आएगी. सादगी से भरी उसकी शुरुआती बातें आपके पहले इम्प्रेशंस से मेल खाएंगी. फिर आप उसकी बनाई फ़िल्में देखिये. उसके ब... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 91
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
वृक्ष मानव का निधन विश्वेश्वर दत्त सकलानी ने आठ साल की उम्र में अपने जीवन का पहला पौधा लगाया था. 96 वर्ष की आयु तक उन्होंने टिहरी-गढ़वाल जिले में कम से कम पचास लाख पेड़ लगाये. वह उत्तराखंड के... Read more
पचास लाख पेड़ लगाने वाले मसीहा का जाना
कल यानी बीते शुक्रवार को उत्तराखंड के ‘वृक्ष मानव’ (Tree Man) के नाम से विख्यात श्री विश्वेश्वर दत्त सकलानी (Vishweshwar Dutt Saklani) का देहांत हो गया. उनके परिजनों की मानें तो उन्होंने अपन... Read more
“हाँ साहब! वह पैठी है मन के भीतर” – गोपाल राम टेलर से महान लोकगायक तक गोपीदास का सफ़र
1900-1902 के बीच कोसी नदी से सटे हुये गांव सकार में ‘दास’ घराने के एक हरिजन टेलर मास्टर के घर जन्मा था गोपाल राम. इस खानदान में गाथा गायन अतीत से चला आया था. यह लोग बौल गायन तथा जागरी गाथा क... Read more
मंटो क्यों लिखता था
आज मशहूर अफसानानिगार सआदत हसन मंटो (Manto)की बरसी है. इस मौके पर प्रस्तुत है अपने लेखन को लेकर उनका लिखा हुआ एक बेबाक और प्रेरक आलेख. मैं क्यों लिखता हूँ -सआदत हसन मंटो मैं क्यों लिखता हूँ?... Read more
कविता: कवि-तान: कविता- न!: क-वितान
अंतर देस इ उर्फ़… शेष कुशल है! भाग – 16 अमित श्रीवास्तव (पिछली क़िस्त: तीसरी कसम उर्फ मारे गये चिलबिल) `कविता लिखने के लिए कवि होना ज़रूरी नहीं.’ ये ब्रह्म वाक्य मुझे एक `कविता: कल, आज, कल और प... Read more
चार कहानियाँ मंटो की
आज विख्यात कहानीकार सआदत हसन मंटो (Manto) की मृत्यु को 64 साल हो गए. साधारण मनुष्य की छोटी-बड़ी हार-जीतों को अपनी कहानियों का विषय बनाने वाले मंटो भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे प्रसिद्ध और चर्चित... Read more
यह सब जानना चाहिए ब्रह्मकमल के बारे में
58 तरह का ब्रह्मकमल हालांकि इसका नाम ब्रह्मकमल (Brahmakamal) है पर यह तालों या पानी के पास नहीं बल्कि ज़मीन में होता है. ब्रह्मकमल 3000-5000 मीटर की ऊँचाई में पाया जाता है. ब्रह्मकमल उत्तराखं... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 90
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more