छांगरू ग्राम वालों का सौ परिवार
छांगरू ग्राम शौका प्रदेश का नेपाल में स्थित ग्राम है जो महाकाली अंचल दार्चुला जिले के ब्यांस पंचायत में स्थित है. 1815 की नेपाल व ब्रिटिश भारत की सन्धि के अनुसार छांगरू तथा तिंकर ग्राम नेपाल... Read more
प्रकृति के करीब है पहाड़ का लोक पर्व – हरेला
“तुम जीते रहो और जागरूक बने रहो, हरेले का यह दिन-बार आता-जाता रहे, वंश-परिवार दूब की तरह पनपता रहे, धरती जैसा विस्तार मिले आकाश की तरह उच्चता प्राप्त हो, सिंह जैसी ताकत और सियार जैसी बुद्धि... Read more
प्रेम कविता में दरवाजा - हेमंत कुकरेती उसने तय किया भूख मिट जाएवह प्रेम की कविता लिखेगाजिसमें प्रेम नामक शब्द कहीं नहीं होगाअद्भुत प्रेम कविता होगी वह इसके लिए नफ़रत और युद्ध युद्ध और व... Read more
सोमेश्वर घाटी में धान की रोपाई के फोटो
इन दिनों पहाड़ों में धान की रोपाई चल रही है. मानसून के आगमन में हुई देर के बावजूद कुमाऊँ-गढ़वाल के ग्रामीण इलाकों में धान रोपने का काम चल रहा है. (Paddy Sowing Someshwar Valley Uttarakhand) उत... Read more
शरद में पीले पड़े पत्तों वाला खूबसूरत लैंडस्केप नहीं यह भरपूर बरसातों वाली जुलाई में बिनसर के जंगल की कल की तस्वीरें है. (Burnt Binsar Forest in Rains) संसार की दस सबसे सुन्दर जगहों का नाम ल... Read more
देवभूमि में शराब की बॉटलिंग लोगों को रोजगार और स्थानीय उत्पादों को पहचान देगी : मुख्यमंत्री
उत्तराखंड की राजनीति में शराब की हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका रही है फिर वह चुनाव के दौरान हो या चुनाव के बाद. इस बात में कोई दोराय नहीं कि उत्तराखंड राजनीति में शराब कई बार निर्णायक भूमिका अदा क... Read more
न किताब छन- न किताबें हैंन मासाब छन- न मास्टर साहब हैंकी छ पें?- क्या है फिर?कि चैं पें?- क्या चाहिये फिर?किताब और मासाब- किताब और मास्टर साहब यह पोस्टर बनाया है पिथौरागढ़ के लक्ष्मण सिंह मह... Read more
शिक्षक और पुस्तक के लिये आन्दोलन कर रहे हैं छात्र और शिक्षा मंत्री अपनी कविता सुना रहे हैं
आज जब पिथौरागढ़ के छात्रों द्वारा पुस्तक और शिक्षक के लिये चल रहे आन्दोलन को राष्ट्रीय मिडिया ने दिखाना शुरु किया है तो छात्रों में एक नया जोश है. पिथौरागढ़ के छात्रों द्वारा चलाये जा रहे आन्द... Read more
सैणी हो या मैंस, सबकी पसंद चैंस
चैंस कह लो, चैंसा या फिर चैंसू. नाम अलग-अलग अंचलों में कुछ फर्क के साथ अलग हों, लेकिन इसका स्वाद अस्कोट से बड़कोट तक पूरे उत्तराखंड में एक जैसा मिलेगा. थोड़ा उड़द की दाल का लसलसापन, कुछ इसको... Read more
जगह के नामों में इस्तेमाल होने वाले खाल के अर्थ
उत्तराखण्ड के दोनों ही मंडलों, कुमाऊँ व गढ़वाल, में खाल शब्द कई जगहों के नामों में जोड़ा जाता है. दोनों ही जगह इसका मतलब भूमि की एक ख़ास तरह की स्थिति से है. लेकिन दोनों मंडलों में इसके सन्द... Read more