पहाड़ के चेहरे: कमल जोशी के फोटो
कमल जोशी उत्तराखंड के सबसे प्रतिभावान फोटोग्राफरों में से थे. अपने जीवन के अधिकाँश वर्ष उन्होंने कुमाऊँ-गढ़वाल के पहाड़ों को छाना और अपने कैमरे की मदद से उसकी पीड़ा को दर्ज किया. कमल ने फोटोग्र... Read more
1850 तक एक भी पक्का मकान नहीं था हल्द्वानी में
दस्तावेजों में हल्द्वानी का जिक्र 1824 में मिलता है जब उस साल हैबर नाम का एक अंग्रेज पादरी बरेली से अल्मोड़ा जाते हुए यहाँ के बमौरी गाँव से हो कर गुजरा था. (Haldwani History Nineteenth Centur... Read more
भाषण देते हुए जब मेरे पैर कांपते रहे, जुबान हकलाती रही और दिमाग सुन्न पड़ गया
पहाड़ और मेरा जीवन – 39 (पिछली कड़ी: जब संपादकीय टिप्पणी के साथ ‘जनजागर’ के मुखपृष्ठ पर मेरी कविता प्रकाशित हुई) जीआईसी पिथौरागढ़ में कक्षा नौ में पढ़ना शुरू हुआ, तो यह बहुत धीरे-धीरे था कि... Read more
किलमोड़ा: स्वाद और औषधीय गुणों से भरपूर
आपने बिल्कुल ठीक पढ़ा है, अब प्राकृतिक रूप से उगने वाली कटीली झाड़ी किलमोड़ा उत्तराखंड में किसानों के लिए फायदे का सौदा बनने जा रही है. इससे न केवल फसलों की सुरक्षा होगी साथ ही इसके फलों को... Read more
शायद ही किसी पर्वत से देशवासियों का इतना जीवन्त रिश्ता हो जितना नंदादेवी से उत्तराखंड क्षेत्र के लोगों का है. उत्तराखंड की आराध्य देवी हैं मां नंदा-सुनंदा. समूचे उत्तराखंड में हिमालय पुत्री... Read more
दुष्यंत कुमार हिन्दी भाषा में गजल की विधा को लेकर आने वाले पहले महत्वपूर्ण कवि थे. 1 सितम्बर 1933 को उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के गाँव राजपुर नवादा में जन्मे दुष्यंत कुमार ने इलाहाबाद से उ... Read more
सिंटोलों और कबूतरों के लिए बने नैनी-सैनी एयरपोर्ट का सरकार विस्तार करने वाली है
नैनी सैनी विश्व का पहला ऐसा एयरपोर्ट है जिसपर दो से तीन दशकों तक बच्चों ने इस उम्मीद में साईकिल चलाना सीखा है कि कभी इस पट्टी में वो जहाज से उतरेंगे. अब जब से नैनी-सैनी में एयरपोर्ट के नाम प... Read more
उत्तराखण्ड में सेल्फी टूरिज्म से बढ़ते खतरे
उत्तराखण्ड में पर्यटकों के आने की संख्या इस साल अच्छी खासी है. इससे पर्यटन कारोबारियों के चेहरों में रौनक आना भी स्वाभाविक है. चारधाम यात्रा में आने वाले यात्रियों का आंकड़ा इस साल 2013 की प... Read more
उत्तराखण्ड की नमकवाली का मशहूर पिस्यूं लूण
देश दुनिया के लोगों ने देखा होगा केवल सफ़ेद नमक. लेकिन उत्तराखंड के पहाड़ों में रहने वाले लोगों ने नमक का एक स्वादिष्ट रूप जरुर देखा होगा जिसे स्थनीय भाषा में पिस्यूं लूण कहते हैं. आज मिलिये उ... Read more
मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती
कोई राष्ट्रीय जलसा रहा हो या मेला. रामलीला रही हो या नाट्य मंडली, गुजरे दौर में यह गीत हर अवसर पर अनिवार्य रूप से बजता था. लंबे अरसे तक यह गीत, मात्र गीत न होकर एक किस्म का मिशन स्टेटमेंट बन... Read more