महंत कहते हैं क्यूंकालेश्वर नहीं कंकालेश्वर है पौड़ी के इस विख्यात मंदिर का असली नाम
पौड़ी गढ़वाल में स्थित विख्यात कंकालेश्वर मंदिर को पर्यटन विभाग क्यूंकालेश्वर मंदिर के नाम से प्रचारित करता है अलबत्ता वहां रहने वाले महंत कहते हैं कि इसका वास्तविक नाम कंकालेश्वर है. वे मंद... Read more
डीडीहाट का सीराकोट मंदिर
पिथौरागढ़ जिले के मुख्यालय से लगभग पचास किमी की दूरी पर स्थित है डीडीहाट. डीडीहाट एक एतिहासिक नगर है जिस पर अध्ययन जरूरत है. अब तक मान्य तथ्यों के अनुसार एक समय डीडीहाट सीरा राज्य की राजधानी... Read more
चम्पावत के तत्कालीन राजा दीप चंद के दीवान थे हर्ष देव जोशी. एक किंगमेकर, कूटनीतिज्ञ, प्रशासक, सैन्य अधिकारी और अतीव चतुर हर्ष देव जोशी के बारे में एटकिंसन के गजेटियर में अनेक दिलचस्प बातें प... Read more
अलौकिक है मुनस्यारी का थामरी कुण्ड
उत्तराखंड के मुनस्यारी नगर से करीब दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित है थामरी कुण्ड. समुद्र की स्तर से करीब 7500 फीट कीम ऊंचाई पर स्थित इस सुन्दर स्थान पर जाने लिए मुनस्यारी से बिरथी जाने वाली सड... Read more
किसी भी शहर के सांस्कृतिक चरित्र की पहचान इस बात से होती है कि उसमें सलीके की किताबों की कितनी दुकानें हैं. बावजूद इसके कि नैनीताल में ऐसी तीन ठीकठाक दुकानें हैं जिन्हें मैं अपने बचपन से देख... Read more
अंगरेजों ने अल्मोड़े का नक्शा औरै और किया
कुमाऊँ के आदिकवि माने जाने वाले लोकरत्न गुमानी से का जन्म 1790 ई. माना गया है. गुमानी के पूर्वज पिथौरागढ़ जिले के गंगोल क्षेत्र में उप्राड़ा गांव के थे. इस लिहाज से जब कवि गुमानी ने कविता लि... Read more
पंचेश्वर बांध पर जौलजीबी से पंचेश्वर तक डूब क्षेत्र के गांव वासी क्या सोचते हैं
पंचेश्वर बांध प्रभावित क्षेत्र की परिस्थितियों को समझने के लिये हमने अक्टूबर 2018 में 13 से 19 के बीच क्षेत्र की यात्रा की. इस यात्रा में मेरे अलावा चार अन्य महिलायें उमा भट्ट, माया चिलवाल,... Read more
झोड़ा : प्रेम और श्रृंगार से भरा नृत्यगान
अल्मोड़ा-रानीखेत-सोमेश्वर-द्वाराहाट क्षेत्र में झोड़ा एक लोकप्रिय नृत्यगान शैली है. झोड़ा चांचरी का ही परवर्ती रूप लगता है. झोड़ा हिंदी के जोड़ या जोड़ा शब्द से मिलकर बना है. नेपाली में झोड़ा के लि... Read more
बेदिनी बुग्याल: मखमली घास का हिमालयी मैदान
उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल के चमोली जिले में है सबसे बड़ा बुग्याल. बुग्याल ट्री लाइन और साल में ज्यादातर समय बर्फ से ढंके रहने वाले वनस्पतिविहीन हिमालय के बीच के उस क्षेत्र को कहा जाता है जहा... Read more
‘जय हिंद’ का नारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस या किसी अन्य ने नहीं बल्कि अल्मोड़ा (उत्तराखंड) के जैंती निवासी और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राम सिंह धौनी जी ने नेता जी से भी काफी पहले... Read more