पहले इस तरह होता था कुमाऊं में नामकरण संस्कार
किसी भी परिवार में शिशु का जन्म किसी उत्सव से कम नहीं है. कुमाऊं में पहले शिशु के नामकरण किस तरह किया जाता जाता था, इस पर एटकिंसन ने क्या लिखा है पढ़िये : पूरे कुमाऊं में सामान्य रूप से शिशु... Read more
भारत की आज़ादी के बाद की शुरुआती दो पीढ़ियों के लिए इब्ने सफ़ी एक नाम से कहीं बढ़ कर हैं. भारतीय उपमहाद्वीप में जासूसी उपन्यास लिखने के मामले में वे सबसे अव्वल हैं. उन्हें भारत और सरहद पार प... Read more
फिर भी मैं करता हूँ प्यार
प्रेम - शमशेर बहादुर सिंह द्रव्य नहीं कुछ मेरे पास फिर भी मैं करता हूँ प्यार रूप नहीं कुछ मेरे पास फिर भी मैं करता हूं प्यार सांसारिक व्यवहार न ज्ञान फिर भी मैं करता हूँ प्यार शक्ति न यौवन प... Read more
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री रावत का चिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान
हाल ही में उत्तराखण्ड के दिग्गज भाजपा नेता ने गरुड़गंगा के पत्थरों (गंगलोड़ों) के औषधीय गुणों की जानकारी देकर सुर्खियाँ बटोरी थीं. उत्तराखंड के नैनीताल लोकसभा सीट से संसद पहुंचे हुए सांसद मह... Read more
सब कुछ करना, बस बच्चे को इंजीनियर मत बनाना
मैं वर्षों एक कंपनी में एचआर हेड के पद पर रहा हूं. इससे पहले भी कई दूसरी कंपनियों में इसी पद को धारण करता रहा हूं. मेरी नौकरी के इन वर्षों के दौरान मुझे अपने रिश्तेदारों, दोस्तों, ... Read more
सन 1947 में हल्द्वानी-काठगोदाम नगरपालिका क्षेत्र में अधिकतम 39 मोहल्ले और 1608 मकान थे. एक हाईस्कूल, एक डाक्टर वाला नागरिक अस्पताल, बाबू मुरली मनोहर की चेयरमैनी वाली नगरपालिका का पुराना दफ्त... Read more
भीमताल: जिसका उल्लेख मानसखंड में भी मिलता है
उत्तराखण्ड के कुमाऊँ मंडल के नैनीताल जिले के सुंदर तालाबों में से एक है भीमताल. काठगोदाम से इसकी दूरी 24 किमी है. 5000 फीट लम्बे और 1500 फीट चौड़े इस तलब की गहराई 15 मीटर तक बताई जाती है. भी... Read more
भारत के नेता स्पोर्ट्समैन नहीं होते और बाघों का अपना कोई वोट नहीं होता – जिम कॉर्बेट
जेम्स एडवर्ड कॉर्बेट को ‘पक्का’ साहब नहीं कहा जा सकता था क्योंकि उन्होंने मैट्रिक नहीं किया था और उन्हें सेना में वह कमीशन नहीं मिला जो गोरों के लिए आरक्षित था. उन्होंने बंगाल की उत्तर-पश्चि... Read more
धारचूला के मेतली गोरीछाल गांव की एक महिला को जंगल में अपना प्रसव कराना पड़ा. धारचूला में मुख्य सड़क से पन्द्रह किमी की दूरी पर एक गांव है गोरीछाल. गोरीछाल गांव मेतली ग्रामसभा काएक गांव है. हिन... Read more
श्रीदेव सुमन 25 मई, 1916 – 25 जुलाई, 1944 ब्रिटिश राज और टिहरी की अलोकतांत्रिक राजशाही के खिलाफ लगातार आन्दोलन कर रहे श्रीदेव सुमन को दिसंबर 1943 को टिहरी की जेल में नारकीय जीवन भोगने... Read more