अंततः हल्द्वानी का हिमालय
एक: मेरे गाँव से हिमालय हिमालय के बारे में मैंने बड़े नाटकीय अंदाज़ में जाना. हिमालय के बीच ही पैदा हुआ था, इसलिए उसके बारे में अलग से जानने की, खासकर किताबी ढंग से जानने की इच्छा का दबाव कभ... Read more
अभिनेत्री रूप दुर्गापाल के साथ देवभूमि दर्शन
अभिनेत्री रूप दुर्गापाल अल्मोड़ा की रहने वाली हैं. उनका पहाड़ प्रेम भी जगजाहिर है. मायानगरी के अपने व्यस्त समय से वे उत्तराखण्ड के पहाड़ों में रमने का वक़्त निकाल ही लेती हैं. इस दौरान अल्मो... Read more
देवता भी चले गए लेकिन गुरु ने गांव नहीं छोड़ा
आज रेवती का श्राद्ध है. हीरा गुरु दरवाजे पर बैठकर पूरन और भास्कर दत्त जी का इंतजार करते हुए बहुत देर से सामने डांड़े को ताक रहे थे. घर के आगे सीढ़ीनुमा बंजर खेत बहुत गहराई तक फैले हैं. डांड़... Read more
कल से शुरू होंगे पितृपक्ष के श्राद्ध
भाद्रपद महीने के समाप्त होने पर आश्विन मास की शुरुआत होती है. परम्परा है कि आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में पितृ पक्ष मनाया जाए और श्राद्ध-तर्पण इत्यादि से उनकी स्मृति का सम्मान किया जाए. (Pitr... Read more
रूपकुंड के रहस्य से जुड़ी मां भगवती की कहानी
कन्नौज के राजा और उसके राज्य पर देवी भगवती का कोप था. अच्छा धान बोने पर सोला उगता. लोग जब अच्छे गेहूँ की उपज की आशा लगाए बैठे थे, खेतों में गोबरी पैदा हुई. चने की फसल जब लोग काटने गए तो उन्ह... Read more
डायजनिस और भूखा शेर- इस कहानी से सीख लें
प्राचीन यूनान में डायजनिस नाम का एक दास था. वह अपनी दासता से मुक्त होना चाहता था. मुक्त होने के लिए एक दिन वह राजा के सिपाहियों को चकमा दे जंगल की ओर भाग निकला. सिपाहियों को जब इसका पता चला,... Read more
उम्मीद-भरी प्रतीक्षा के बाद निराशा की जो अथाह थकान होती है, उसी को लेकर टूटी डाल की मानिंद-थकी-माँदी काकी लौट गई थीं. उनका जाना निश्चित था. हम कोशिश करते तब भी वे रुकनेवाली नहीं थीं. किसी ने... Read more
अल्मोड़ा में नंदा देवी के डोले की तस्वीरें
कल अल्मोड़ा में नंदा देवी के डोले की तस्वीरें, नंदा देवी मंदिर से शुरू होकर लाला बाज़ार, ड्योडी पोखर, कचहरी बाज़ार, खजांची मोहल्ला और पलटन बाजार से होकर दुगालखोला स्थित नौले में नंदा सुनंदा... Read more
दूनागिरी की गुफा से क्रिया योग की कथा
‘श्यामा चरण इधर आओ ‘.द्रोणा गिरि के पर्वतों में गूंजती यह ध्वनि सुनाई देती है. इस घने जंगल, विचरण कर रहे पशु पक्षियों के कलरव, जिधर दृष्टि डालो उधर हरियाली वाली उपत्यका में,उन्हे... Read more
जब ‘सुल्ताना डाकू’ पर भरोसा कर हल्द्वानी के लाला ने उसे अपनी तिजोरी की चाबी दे दी
कहा जाता है कि पुराने जमाने में भाबर के इस इलाके में डकैतों के भी अड्डे हुआ करते थे. सुल्ताना डाकू, जिसका वर्णन कॉर्बेट ने अपनी किताब में किया है, को यहाँ हल्द्वानी मुखानी या लामाचौड़ में गि... Read more