नॅशनल ज्योग्राफिक द्वारा अपनी बहादुरी के लिए सम्मानित भारतीय नौसेना की लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी ने साल 2018 में एक ऐसा कारनामा अंजाम दिया था जिसने देश भर में उनका बड़ा नाम किया. नाव से... Read more
बचपन की ओर यात्रा का अनूठा और ऐतिहासिक दस्तावेज है नेत्रसिंह रावत की किताब ‘पत्थर और पानी’
“जोहार में भारत के आखिरी गांव मिलम ने निकट आकर मुझे पहले यह अहसास दिया कि जैसे बस्ती और सभ्यता के चिन्हृ उससे आगे नहीं होंगे. आगे मनुष्य नहीं होंगे … लेकिन चेतना तुरंत इस मनःस्थिति से अलग हो... Read more
अंग्रेजों के जमाने में उत्तराखंड के पुल
उत्तराखंड में अनेक नदियां बहती हैं और इन नदियों को पार करने के लिये यहां अनेक पुल हैं. पहाड़ी इलाकों में आज भी रस्सी के पुराने झूला पुल देखने को मिल जाते हैं. उत्तराखंड में पुल ग्रामीण जीवन... Read more
उत्तराखण्ड पुलिस में पुलिस अधीक्षक ( विजीलेंस, हल्द्वानी में तैनात ) व कवि अमित श्रीवास्तव के पहले उपन्यास ‘गहन है यह अन्धकारा’ का लोकार्पण कल 3 नवम्बर 2019 ( रविवार ) को नैनीताल रोड स्थित व... Read more
अल्मोड़ा के अतीव प्रतिभाशाली बैडमिन्टन खिलाड़ी लक्ष्य सेन की अंतर्राष्ट्रीय उपलब्धियों के बारे में हम आपको समय समय पर बताते रहे हैं. पिछले महीने उन्होंने नीदरलैंड के अल्मेर में खेली जा रही ड... Read more
घाम दीदी इथकै आ, बादल भिना उथकै जा
अब ऐसे नज़ारे कम दिखाई देते हैं, मगर हमारे छुटपन में जब पहाड़ों का आकाश हर वक़्त बादलों से घिरा रहता, हम बच्चे अपने गाँव की सबसे ऊँची चोटी पर दोनों हाथ फैलाए आकाश की ओर देखकर वहाँ बैठे देवता... Read more
100 साल पुराना है धनाई मिष्ठान भण्डार का इतिहास
अल्मोड़ा में खीम सिंह-मोहन सिंह की बालमिठाई, तो श्रीनगर में धनाईजी के पेड़ों का जबा़ब नहीं है. दशकों पहले हनुमान मंदिर में बूंदी का प्रसाद चढ़ाने वाले भक्तों की भीड़ यहां हर शाम दिखती थी. एक... Read more
जमरानी बाँध का अजब किस्सा
[पिछली क़िस्त: हल्द्वानी में नहरों का जाल बिछाया था हैनरी रामजे ने] कहा गया था कि जमरानी बाँध बनाने से तराई-भाबर ही नहीं पीलीभीत, रामपुर और बरेली तक के खेतों में हरियाली आएगी. वर्षा के अनिय... Read more
पहाड़ और मेरा जीवन- 54 (पिछली क़िस्त: उसकी पलकों का क्षितिज न मिला, फूल मेरी नफीस मुहब्बत का न खिला) पहाड़ और हरियाली एकदूसरे के पर्याय हैं. दो साल पहले जब उन्मुक्त गर्मियों में क्रिकेट खेलन... Read more
ग्रेजुएट ब्वारियों की चाहत बनाम पहाड़ से पलायन : उत्तराखण्ड स्थापना सप्ताह पर विशेष
उन्नीस साल के युवा उत्तराखण्ड को एक लाइलाज रोग लग गया है – पलायन का. इस रोग की गम्भीरता ऐसी है कि इसने यहाँ की अन्य बीमारियों (समस्याओं) को नजरअन्दाज कर दिया है. होता भी यही है. जब छोट... Read more