नैनीताल में दुर्गालाल साह पुस्तकालय की अलग पहचान है. इस पुस्तकालय की स्थापना 1914 में अंग्रेजों ने की थी. उसी तरह हल्द्वानी में 15 अक्तूबर 1953 में एक पुस्तकालय की स्थापना की गयी. इस पुस्तका... Read more
धारचूला की चौंदास घाटी – फोटो निबंध
धारचूला से 18 किलोमीटर दूर तवाघाट नामक स्थान है जहां कालीगंगा और धौलीगंगा नदियों का संगम होता है. यदि हम कालीगंगा नदी के साथ साथ ऊपर चढ़ते जाएं तो व्यांस घाटी पहुँचते हैं और धौलीगंगा के साथ... Read more
कहीं दिल्ली न बन जाये उत्तराखंड
दिल्ली की जानलेवा ज़हरीली हवाओं ने वातावरण को इस क़दर प्रदूषित कर दिया कि सरकार को स्वास्थ्य आपातकाल लगानी पड़ी. परिस्थिती की भयावता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दिल्ली के सभी स... Read more
इंटरनेट डेटा की ख़ुराक पर पलता मनमोहक फ़ासीवाद
इतिहासकार युवाल नोआ हरारी चेताते हैं कि फ़ासीवादियों को पहचानना आज इतना भी आसान नहीं है. वे हमेशा अपनी राक्षसी छवि के साथ सामने नहीं आते. हरारी बताते हैं कि 21वीं सदी के फ़ासीवादी वैसे नहीं... Read more
हाकाहाक उर्फ़ गजबज उर्फ़ अल्मोड़िया भसड़
हर कहानी में एक विलेन यानि खलनायक होता है पर हमारी कहानी में विलेन ही विलेन थे. हीरो भी बेशुमार. कुल मिलाकर अलमोड़े में जिंदगी गजबज का शिकार थी. (Almora Satire Vivek Sonakiya) ‘भसड़’ यूं तो ... Read more
बच्चियां अपनी जिंदगी की पहली यौन हिंसा का अनुभव अपने घरों में ही करती हैं
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – तीसवीं क़िस्त पिछली क़िस्त का लिंक: हमें कई चीजों से बेवजह नफरत सिखा दी जाती है (Column by Gayatree Arya) तुम्हें पता है रंग! अपने देश में लड़कियां मां बनने क... Read more
हल्द्वानी की सबसे पुरानी संगीत संस्था
[पिछली क़िस्त: जमरानी बाँध का अजब किस्सा ] बची गौड़ धर्मशाला से लगी मटरगली नाम से धीरे-धीरे एक बाजार विकसित हो गयी. पहले यहाँ बीच बाजार से होकर जाने वाली नहर थी. उस बंद नहर के ऊपर कुछ लोग बै... Read more
कुछ दस बजे का समय रहा होगा, कुछ चल्लों की फोटो खींचते-खींचते मै एक प्राथमिक स्कूल के पास से गुजर रहा था. अध्यापिका और बच्चे नवम्बर की धूप सेकते हुए उस दिन की पढाई कर रहे थे. कुछ बच्चे आपस क... Read more
उत्तराखण्ड में चाय की खेती का इतिहास 150 वर्ष पुराना है. उत्तराखण्ड में भी चाय की खेती यूरोपियनों के आने के बाद ही शुरू हुई. सन् 1824 में ब्रिटिश लेखक बिशप हेबर ने कुमाऊं क्षेत्र में चाय की... Read more
ढाई गुना फीस बढ़ाए जाने के विरोध में बैठे आयुर्वेदिक छात्रों के आन्दोलन पर शासन की बेरुखी
छात्र-छात्राओं के पेशेवर कोर्सेज की फीस जिस तरह लगातार बढ़ाई जा रही हैं उस से छात्र समुदाय में बहुत असंतोष है. यह असंतोष देश के तमाम हिस्सों में देखा जा रहा है. उत्तराखंड राज्य में आयुर्वेदि... Read more