चूड़धार: जहां भगवान शिव ने किया था तांडव नृत्य
चूड़धार में भोलेनाथ अपने परिवार संग रहते हैं. हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर स्थित चूड़धार घाटी के बारे में वैसे तो आप गूगल सर्च करेंगे तो एक क्लिक पर भौगोलिक जानकारी आपके सामने होगी. (Churdha... Read more
गोविन्द बल्लभ पंत कृषि प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय को स्थापित किए जाने के पीछे क्षेत्र में जिस व्यवहारिक व मूलभूत क्रांति का उद्देश्य निहित था, विपरीत उसके क्षेत्र अधकचरी औद्योगिक क्रान्ति की... Read more
पहाड़ी दाल और उसके दगड़िया
उत्तराखंड में होने वाली दालों में खरीफ में भट्ट, मास या उड़द, राजमा या फ्रासबीन,गहत, गरूँस, रेंस, मटर व बाकुला मुख्य हैं. इनमें बाकुले की सब्जी पेट के लिए अच्छी मानी जाती, इसके गूदे सुखा के... Read more
तराई भाबर में जमीनों की लूट का इतिहास
तराई भाबर में भूमि व्यवस्था भी एक विवादास्पद विषय बनी रही है. यहाँ की जमीनों की लूट का अपना एक अलग ही इतिहास रहा है. यहाँ के बीहड़ इलाके को बसाने के लिए ब्रिटिश शासन काल में यहाँ एक खाम अधिक... Read more
रोटी में पधान रहा गेहूं और मडुए को गरीब का पेट भर सकने की हैसियत मिली. रोज मड़ुआ खा बिछेंन हो गई तो बोल भी फूट पडे, ‘मड़ुआ रोट में नी खानी, ग्युंक पिसु ओल.’ इनके आपसी मेल से लेसु... Read more
हिमाचल प्रदेश में जिला सिरमौर के आखिरी छोर में बसे शरली मानपुर गांव के निवासी हैं कल्याण सिंह. उम्र करीब 65 वर्ष के आसपास. वह अपने व परिवार की आजीविका के लिए कपड़े सीने का काम करते हैं... Read more
नैनीताल का मालिकाना पर्सी बैरन के छल से अंग्रेजों ने नरसिंह थोकदार से हथियाया
सन 1842 में शिकार के शौक़ीन मि. पर्सी बैरन के द्वारा नैनीताल का पता लगा लेने तक यहां पर एक झोपड़ी तक नहीं हुआ करती थी. इस समय नैनीताल झील और इसके आसपास का जंगल थोकदार नरसिंह के अधिकार क्षेत्... Read more
पिथौरागढ़ में 11वीं सदी के मध्य का विष्णु मंदिर
पिथौरागढ़ जिले से 3 किमी की दूरी पर कासनी गांव के बीच, जिले का सबसे बड़ा दस अवतार विष्णु का भव्य मंदिर समूह है. मुख्य मन्दिर के गर्भ ग्रह में भगवान विष्णु की विशाल प्रतिमा विराजमान है. ग्राम... Read more
अल्मोड़ा में सार्वजनिक ब्लैक-बोर्ड की गाथा
अल्मोड़ा शहर में दो-तीन सार्वजनिक जगहों पर ब्लैक-बोर्ड बने हैं. एक है बस स्टेशन पर, कचहरी को जाने वाली सीढ़ियों के नीचे. दूसरा लाला बाजार में किशन गुरुरानी की दुकान के आगे. तीसरा बावन सीढ़ी... Read more
देशभर के लोगों ने कालाढुंगी के हरिकृष्ण चड्ढा से पपीते की खेती के नुस्खे सीखे हैं
हल्द्वानी के काश्तकार जमीनों को बेचने के बजाय यदि उस जमीन का पोषण कर रहे होते तो स्थितियां कुछ और ही होती. यहां के काश्तकारों के सामने हल्द्वानी के निकटवर्ती गांव चकलुआ में 50 एकड़ भूमि पर फ... Read more