अल्मोड़ा इंटर कालेज के प्रांगण में विवेकान्द की एक आदमकाय मूर्ति है. लगभग 70 के दशक में बनी इस मूर्ति के निर्माता का नाम है नवीन वर्मा ‘बंजारा’. आज सुबह उनका निधन हो गया. (Naveen Verma ‘Banjara’)
![Naveen Verma 'Banjara'](https://kafaltree.com/wp-content/uploads/2020/04/IMG-20200413-WA0007.jpg)
प्रकृति और संस्कृति से बेहद करीब से जुड़े नवीन वर्मा अपनी चित्रकारी के चलते देशभर में विख्यात हैं. उनकी चित्रकारी में उनका प्रकृति और अपने समाज से प्रेम खूब झलकता है. ऑयल और वाटर कलर पेंटिग के सिद्धहस्त इस चित्रकार की चित्रकारी में प्रकृति और समाज का अद्भुत सामंजस्य देखने को मिलता है.
![Naveen Verma 'Banjara'](https://kafaltree.com/wp-content/uploads/2020/04/IMG-20200413-WA0008.jpg)
प्रारंभिक शिक्षा के बाद नवीन वर्मा ने लखनऊ से अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की. जीवन भर जन सरोकार से जुड़े रहने वाले नवीन वर्मा सत्तर के दशक में उत्तराखंड लोक वाहिनी से भी जुड़े रहे.
नौकरी से रिटायरमेंट के बाद उन्होंने अल्मोड़ा में अपने निवास स्थान पर ही एक स्टूडियो बनाया था. स्टूडियो के दरवाजे हर उस शख्सियत के लिये खुले थे जो सीखने की चाह रखता हो. उनके स्टूडियो में बहुत से युवाओं का आना जाना रहता.
![Naveen Verma 'Banjara'](https://kafaltree.com/wp-content/uploads/2020/04/IMG-20200413-WA0011.jpg)
युवाओं के साथ दिल खोल कर ज्ञान साझा करते और चित्रकारी और चित्रकारों पर खूब चर्चा करते. उनके स्टूडियों में अल्मोड़ा के बहुत से युवाओं ने चित्रकारी के अमूल्य बारीकियां सीखी हैं. इस स्टूडियो की स्थापना का उदेश्य ही युवाओं तक चित्रकारी की समझ को पहुँचाना था.
उत्तराखंड के जनकवि गिरीश तिवाड़ी, नवीन वर्मा को अपना गुरु बुलाते थे. नवीन वर्मा का गिरदा के साथ के बड़ा घनिष्ठ संबंध था. प्रगतिशील विचारधारा के चलते सामाजिक मंच पर दोनों को लोगों का खूब प्यार मिलता. (Naveen Verma ‘Banjara’)
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