4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – 38 (Column by Gayatree arya 38) पिछली किस्त का लिंक: तुम कम से कम रोओ, ज्यादा से ज्यादा खुश रहो अभी तक यानी जन्म के तीन महीने तक तुम बेहद अच्छ... Read more
ईजा कैंजा की थपकियों के साथ उभरते पहाड़ में लोकगीत
हर ऋतु में अपने गीत हैं. खट्ट से आस पास से कई अलंकार समेट फूट पड़ते हैं. मेले ठेले में, पर्व में, कौतिक में, संक्रांती में, कर्मकांड में, ब्रत में, समारोह में, अनुष्ठानों में, त्यो... Read more
पहाड़ और मेरा जीवन – 62 (पिछली क़िस्त: और मैं जुल्फ को हवा देता हुआ स्कूल से कॉलेज पहुंचा) मैंने ऐसा फैसला क्यों लिया इसकी अब तो ठीक-ठीक वजह बताना मुश्किल है, लेकिन बीएससी फर्स्ट इयर में जब... Read more
डूबते पहाड़ और धुंध में विलीन होते महानगर
डूबते पहाड़ और धुंध में विलीन होते महानगर, सुनने में कैसा लगता है यह वाक्य? निःसन्देह खराब ही लगेगा. क्योंकि पहाड़ के डूबने का अर्थ है हमारे अस्तित्व का डूबना. पहाड़ डूबेगा तो सब कुछ डूब जाए... Read more
प्रताप भैया की 87वीं जयन्ती पर कोई सामान्य सी घटना भी आपकी जिन्दगी की दिशा मोड़ सकती है, यदि संवदेनशीलता अन्दर तक हिला दे. ऐसी ही एक घटना ने बालक प्रताप को जातिवादी व्यवस्था का धुर विरोधी बन... Read more
नए साल पर दूरदर्शन के जमाने की मीठी यादें
नए साल की ईव पर (न्यू इयर्स ईव जैसे फ्रेज़ ने भी जीवन में उन प्रोग्रामों की वजह से ही घुसपैठ की, वर्ना हैप्पी न्यू ईयर जैसे तीन ऊर्जाहीन शब्दों की शरण में ही जाना पड़ता था) दूरदर्शन का सबसे... Read more
बसंत के बाद वह बुरांस का फूल
बैसाख का आखरी हफ्ता मधुमास का लगभग पूरा अवसान और ग्रीष्म का शैशव काल में पदार्पण. नौकरी लगने के पूरे चौबीस साल बाद उस दिन पूजा के लिए बकरी की खोज में उस पंयार* होते हुए दूसरे गांव जाना हुआ.... Read more
आज नैनीताल में उत्तराखंड प्रशासन अकादमी में कुमाउंनी पाठ्य पुस्तकों का विमोचन किया गया. इन पुस्तकों को कुमाऊं के प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ाया जायेगा. Kumaoni Included in the Primary Educati... Read more
हमारी नियमित लेखिका गीता गैरोला ने आपको अनेक मनभावन कहानियां सुनाई हैं. हाल ही में हमने उनकी मशहूर किताब ‘मल्यो की डार’ के एक अध्याय को हरिद्वार में रहने वाली स्मिता कर्नाटक की आवाज़ में सुन... Read more
कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन @ ओल्ड इज गोल्ड.
दूरदर्शन के जमाने के दर्शक पुराना जिक्र छिड़ते ही, यकायक अतीत-मोह से घिर आते हैं. एकदम भावुक से हो उठते हैं. अपने पक्ष-समर्थन में इस दावे पर उतर आते हैं- अस्सी-नब्बे के दशक की पीढ़ी, सबसे खु... Read more