बारिश एक राह है स्त्री तक जाने की
बारिश -आलोक धन्वा बारिश एक राह है स्त्री तक जाने की बरसता हुआ पानी बहता है जीवित और मृत मनृष्यों के बीच बारिश एक तरह की रात है एक सुदूर और बाहरी चीज़ इतने लंबे समय के बाद भी शरीर से ज़्यादा... Read more
आलोक धन्वा – जिसकी दुनिया रोज़ बनती है!
आलोक धन्वा – जिसकी दुनिया रोज़ बनती है -शिरीष मौर्य हर उस आदमी की एक नहीं कई प्रिय पुस्तकें होती हैं, जो किताबों की दुनिया में रहता है. मैं भी किसी हद तक इस दुनिया में रहता हूँ और ऐसी... Read more
अपने भीतर घिरते जाने की कविताः आलोक धन्वा के बारे में -शिवप्रसाद जोशी अगर हिंदी कविता में इधर सबसे बेचैन और तड़प भरी रूह के पास जाना हो तो वो आलोक धन्वा के पास है. अपने दौर के तूफ़ानी कवि के... Read more
कोयल उस ऋतु को बचा रही है
चेन्नई में कोयल -आलोक धन्वा चेन्नई में कोयल बोल रही है जबकि मई का महीना आया हुआ है समुद्र के किनारे बसे इस शहर में कोयल बोल रही है अपनी बोली क्या हिंदी और क्या तमिल उतने ही मीठे बोल जैसे अवध... Read more
भारतवासी होने का सौभाग्य तो आम से भी बनता है
आम के बाग़ -आलोक धन्वा आम के फले हुए पेड़ों के बाग़ में कब जाऊँगा? मुझे पता है कि अवध, दीघा और मालदह में घने बाग़ हैं आम के लेकिन अब कितने और कहाँ कहाँ अक्सर तो उनके उजड़ने की ख़बरें आती रहत... Read more
रामी बुढ़िया ( लोककथा )
एक गांव में रामी नाम की बुढिया रहती थी, उसकी बेटी का विवाह दूर एक गांव में हुआ था जहाँ जाने के लिये घना जंगल पार करना पड़ता था. रामी का बहुत मन हो रहा था कि वह अपनी बिटिया से मिल कर आये. (Fol... Read more
कितनी-कितनी लड़कियां भागती हैं मन ही मन
भागी हुई लड़कियां -आलोक धन्वा एक घर की जंजीरें कितना ज्यादा दिखाई पड़ती हैं जब घर से कोई लड़की भागती है क्या उस रात की याद आ रही है जो पुरानी फिल्मों में बार-बार आती थी जब भी कोई लड़की घर से भग... Read more
पतंग – आलोक धन्वा 1. उनके रक्तों से ही फूटते हैं पतंग के धागे और हवा की विशाल धाराओं तक उठते चले जाते हैं जन्म से ही कपास वे अपने साथ लाते हैं धूप गरुड़ की तरह बहुत ऊपर उड़ रही हो या फ... Read more
फ़र्क़ -आलोक धन्वा देखना एक दिन मैं भी उसी तरह शाम में कुछ देर के लिए घूमने निकलूंगा और वापस नहीं आ पाऊँगा ! समझा जायेगा कि मैंने ख़ुद को ख़त्म किया ! नहीं, यह असंभव होगा बिल्कुल झूठ होगा !... Read more
बेपरवाह बच्ची
बेपरवाह बच्ची -पद्मिनी अबरोल ”ये देख लो रश्मि मैडम, इस बच्ची का हाल ! मैंने तीन दिन पहले इसे अच्छे बच्चे की कॉपी फोटोस्टेट करवा के दी थी,मगर इसने इनका भी ये हाल कर दिया !” मैंने... Read more