एक समय की बात है प्रभास क्षेत्र में मल्लिका नामक राज्य था, जिसकी राजधानी विराट नगर थी. यहाँ मल्लिका के पुष्प बहुतायत में होते थे. निरंतर मल्लिका के पुष्पों से सुवासित रहने के कारण ही इस राज्... Read more
खुद तो थे कंगाल गुरुजी कर गए मालामाल गुरुजी !
अभी पन्द्रह दिवस पूर्व ही लघु अमावस्या बीती है. इसे चेला अमावस भी कहते हैं. आज गुरु पूर्णिमा का पावन दिन आया है. आज के दिन उन सभी आत्माओं को मन-वचन से श्रद्धा सुमन अर्पित करने का अवसर आया है... Read more
हे सहकर्मी! हे कुलीग! तुम आखिर ऐसे क्यों हो? किसी रेडियोऐक्टिव पदार्थ से, ऑफिस में विकिरण फैलाते. अपनी चाल, आँखों और बातों से बेधने वाली अल्फा, बीटा, गामा किरणें फेकते. (Satire by Priy Abhis... Read more
बा-बा ब्लैक शीप में बा का मतलब
अपनी देशज भाषा, जिसे आप प्रतिदिन बोलते हैं, उसे जब किसी दूसरे को समझाते हैं तो एक दम भाषाविज्ञानी जैसी अनुभूति होती है. किसी ने हमसे पूछा कि ये ‘बा’ क्या है, जो बृज में बहुत प्रय... Read more
घर में अमनचैन के लिए संस्कारी दंपत्तिओं को शांतिपाठ का यह अनुष्ठान नित्य करना चाहिए
घर की सुख-शांति के लिये दंपत्ति प्रतिदिन विशेष शांतिपाठ करें. यह शांतिपाठ, सामान्य शांतिपाठ से भिन्न है. इस शांतिपाठ के लिये सबसे पहले हेतु (कारण) की खोज करें. यह हेतु कुछ भी हो सकता है. यह... Read more
हल्द्वानी नगर में ट्रांसफार्मर तिरतीया पर्व
ज्येष्ठ मास में एक तिथि-साइत ऐसी आती है जिसे हल्द्वानी नगर में ट्रांसफार्मर तिरतीया के नाम से मनाया जाता है. इसके पहले बीस-पच्चीस दिन ऐसी भयानक गर्मी पड़ती है कि बाज चतुर गृहस्थ-गृहस्थनें परि... Read more
खाँटी साहित्यकारों की साहित्यिक बातें
उनका फोन कई दिन से आ रहा था. औपचारिकतावश मैंने भी दो-तीन बार फोन कर लिया. हम दोनों ने एक दूसरे से बिल्कुल एक समान बातें कीं. आपका लेखन बहुत अच्छा है, आपसे मिलना चाहिये, आप में बहुत सम्भावनाए... Read more
देश का कपाल गृह नक्षत्रों की चाल
गैरीगुरु की पालिटिकल इकानोमी : अथ चुनाव प्रसंग-6 पिछली कड़ी : उठती है हर निगाह खरीदार की तरह स्वस्ति श्री सर्वोपमा योग्य श्री ३ चेले गिरिजा नामधारी गैरीगुरु आशीष पहुंचे. अत्र कुशलम तत्रास्तु.... Read more
उठती है हर निगाह खरीदार की तरह
गैरीगुरु की पालिटिकल इकानोमी : अथ चुनाव प्रसंग-5 पिछली कड़ी- लोकतंत्र के पहरुवे जनतंत्र में जनगणमन की पूर्ण प्रतियोगिता से आह्लादित हवायें चलती हैं. पुरबइया. खुली सांस मजबूत इरादे, पूरी आजादी... Read more
लेखकों के सपने
मेरे द्वारा लिखे गये एक लेख के लिये सरकार मुझे गिरफ़्तार कर लेती है. मेरी गिरफ़्तारी से पूरे देश में दंगा भड़क जाता है. युवा सड़क पर उतर आते हैं. मुझे जंजीरों से बांध कर पैदल ले जाया जा रहा है.... Read more
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