समाज

कुमाऊनी लोककथा- जानवरों और पक्षियों की बोली समझने वाली ब्वारी की हत्या

बड़ी पुरानी कथा है. एक गाँव में एक लड़के को उसके बाप ने बड़े ही लाड़ से पाला. मां के मरने के बाद से ही घर में सालों से दो मर्द ही रहे. जब लड़के के ब्या की बारी आई तो इस बात से लड़की मिलने में दिक्कतें आने लगी. ऊपर से खूब लाड़ प्यार से पले लड़के के नखरे अलग.
(Folk Stories of Kumaun)

बड़ी मुश्किल से बाप ने सात गाड़ पार गांव की एक सुन्दर लड़की से ब्या ठहरा दिया. लड़की ब्याकर घर आ गयी. बाप ने बहु को बेटी की तरह रखा बेटे में अभी ठसक बाकी थी. ससुर से इतना स्नेह पाकर लड़की ने एक राज की बात लड़के के बाप को बता डाली.

लड़की ने बताया कि उसको जंगली जानवर और पक्षियों की आपस में बातचीत समझ आती है. उसके गाँव के आस-पास के सारे जानवर और पक्षी इस बात को जानते हैं. उसने लड़की को समझाया कि अपने पति को ऐसा मत बताना कहीं पागल समझकर घर से न भगा दे.

अब एक दिन रात में पति पत्नी दोनों सोये थे. आंगन से जरा दूर दो सियार बात कर रहे थे. लड़की ने उनको बात सुन ली. एक सियार दुसरे से कह रहा था कि नीचे नौले किनारे एक लाश पड़ी है उसके ऊपर बहुत सारे सोने के सिक्के पड़े हैं कोई उन सिक्कों को उठा दे तो हमारी बढ़िया दावत हो.

बहु ने सुना तो सोने के सिक्कों का लालच मन में घर कर गया. पहले तो उसने सोचा पति को उठाकर सब बता देती हूँ फिर उसे ससुर की बात याद आ गयी. उसने अकेले बाहर निकलने की हिम्मत जुटाई. धीरे से बिना पति की नींद तोड़े वह बाहर निकल आई.

सियारों ने अपनी बातों में जिस जगह का जिक्र किया था पत्नी डरते डरते वहां चली गयी. देखा सच में लाश पड़ी थी और उसके उपर सोने के सिक्के भी पड़े थे. उसने फटाफट सिक्के समेटे और घर लौट आई. सिक्के समेटते हुये उसके हाथ वगैरह में खून लग गया. आंगन में उसको पति ने देख लिया.
(Folk Stories of Kumaun)

पति के पूछने पर उसने सारी बात बता दी. वह उसे अंधेरे में ही नौले के पास ले गयी. वहां पहुँचने पर देखा सियार आधी लाश चटकर भाग चुके थे. पति को लगा उसकी घरवाली लाश खाती है. उसने रात में ही उसे छोड़ने का निर्णय कर लिया.

अगली सुबह बाप तक बात पहुंची उसने बेटे को बड़ा समझाने की कोशिश की पर उसने एक न मानी. मज़बूरी में वह लड़की को उसके गांव छोड़ने निकल पड़ा. रास्ते में थककर दोनों एक पेड़ के नीचे आराम करने लगे. इस बीच  बूढ़े की आंख लग गयी तभी बहु को उसके गाँव के दो कौवों ने पहचान लिया.

उदास रोटी हुई बहु को देख उन्होंने उससे पूछा की तू क्यों उदास है? बहु ने सारी बात बता दी. कौवा बोला आगे झरने के पीछे दो सोने के घड़े रखे हैं. उनके उपर मोटा नाग लेटा है कोई उसको मारकर घड़े रख लेना उससे तेरे पति को तेरी बात पर यकीन हो जायेगा और हम सांप खाकर मौज उड़ा लेंगे.
(Folk Stories of Kumaun)

बहु को खुसर-पुसर सुन बूढ़े की आंख खुल गयी. बहु ने सारी बात उसे बता दी. बूढ़े को कौवे की बात जच गयी. उसने बहु से कहा हम सांप को मार देंगे और दो घड़े सोने ले जाकर घर को वापस चले जायेंगे. बहु और बूढ़े ने वही किया और सोने के दोनों घड़े लेकर वापस गाँव की ओर ख़ुशी-ख़ुशी लौट चले.

गाँव से कुछ दूरी पर थे तो बूढ़े ने बहु से कहा कि मैं थक गया हूँ तू घर को चली जा मैं जरा आराम करके आता हूँ. घर के आंगन में बैठे लड़के ने जब दूर पगडंडी में अपनी पत्नी को अकेले आता देखा तो उसका दिमाग फिर गया. उसे लगा उसने उसके बाप की लाश को भी खा लिया. इधर वह आंगन में पहुंची उधर उसने बड्याठ से एक चोट में उसकी गर्दन अलग कर दी. थोड़ी देर में जब बूढ़ा पहुंचा तो यह सब देख दंग रह गया निर्दोष बहु की अवस्था देख उसने भी आंगन में प्राण त्याग दिए.
(Folk Stories of Kumaun)

काफल ट्री डेस्क

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online

Support Kafal Tree

.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

कुमाउँनी बोलने, लिखने, सीखने और समझने वालों के लिए उपयोगी किताब

1980 के दशक में पिथौरागढ़ महाविद्यालय के जूलॉजी विभाग में प्रवक्ता रहे पूरन चंद्र जोशी.…

3 days ago

कार्तिक स्वामी मंदिर: धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का आध्यात्मिक संगम

कार्तिक स्वामी मंदिर उत्तराखंड राज्य में स्थित है और यह एक प्रमुख हिंदू धार्मिक स्थल…

5 days ago

‘पत्थर और पानी’ एक यात्री की बचपन की ओर यात्रा

‘जोहार में भारत के आखिरी गांव मिलम ने निकट आकर मुझे पहले यह अहसास दिया…

1 week ago

पहाड़ में बसंत और एक सर्वहारा पेड़ की कथा व्यथा

वनस्पति जगत के वर्गीकरण में बॉहीन भाइयों (गास्पर्ड और जोहान्न बॉहीन) के उल्लेखनीय योगदान को…

1 week ago

पर्यावरण का नाश करके दिया पृथ्वी बचाने का संदेश

पृथ्वी दिवस पर विशेष सरकारी महकमा पर्यावरण और पृथ्वी बचाने के संदेश देने के लिए…

2 weeks ago

‘भिटौली’ छापरी से ऑनलाइन तक

पहाड़ों खासकर कुमाऊं में चैत्र माह यानी नववर्ष के पहले महिने बहिन बेटी को भिटौली…

2 weeks ago