घर से नहीं निकलने वाला वोटर
यह पक्का है कि वह घर में ही रहता है. पन्ना प्रमुख की सूचना कभी ग़लत ना होती. यह भी वेरीफाइड है कि अपने अन्य कामों के लिए वह मुश्तैदी से निकलता है. दफ़्तर जाना, सब्ज़ी, दूध लाना उसके रोज़मर्र... Read more
हरेला कब बोया जाता है
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree उत्तराखंड के पहाड़ों में रहने वाले लोग कुदरत से मोहब्बत और सम्मान को दर्शाने वाले अनेक लोकपर्व मनाते हैं. हरेला इन्हीं लोकप... Read more
अभी लोकसभा चुनाव की खुमारी उतरी भी नहीं है कि उत्तराखण्ड में दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के प्रचार की धार तेज होने लगी है. चमोली जिले की बद्रीनाथ विधानसभा सीट और हरिद्वार जिले की मंगलौर विध... Read more
खेतों-बगीचों के बीच से गांव की तरफ जाने वाली पगडंडियों को चित्रकारों और कैमरामैनों की नजर से आपने खूब देखा होगा. हरियाली के बीच जगह बनाते हुए लोगों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने वाले ये रास्ते म... Read more
बगोरी की राधा
उम्र का हर पड़ाव ज़िंदगी के ठहराव में स्मृतियों का अविस्मरणीय लोकगीत है. इसी गीत को गुनगुनाने हेतु हम तीनों सहेलियां वाया हेलीकॉप्टर देहरादून से हरसिल आधे घंटे में ही पहुंच गये हैं. यहां मेर... Read more
पंवाली कांठा का सुकून : फोटो निबंध
बरसात के इन दिनों में उत्तराखण्ड हिमालय के बुग्याल अपनी ख़ूबसूरती और हरियाली से आपका मन मोह लेंगे. इन बुग्यालों में कुछ वक़्त गुज़ारना एक अलग दुनिया को अनुभव करना है. टिहरी का पंवाली काँठा ब... Read more
उत्तराखंड की पांच उच्च जोखिम वाली ग्लेशियल झीलें
उत्तराखंड सरकार ने इस साल मार्च में इन ग्लेशियल झीलों से जुड़े खतरों का आकलन करने के लिए दो विशेषज्ञ टीमों का गठन किया था. इस टीम ने उत्तराखंड में ऐसी 13 ऐसी चिह्नित ग्लेशियर झीलें का अध्ययन... Read more
13 जून को बिनसर के जंगलों में आग की चपेट में आने की वजह से 5 वनकर्मियों की मृत्यु हो गयी. इस दुर्घटना में 3 अन्य वनकर्मी घायल हो गये जिनका ईलाज वर्तमान में दिल्ली के अस्पताल में हो रहा है. ज... Read more
पिछली कड़ी : छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : आ चल के तुझे, मैं ले के चलूँ, इक ऐसे गगन के तले छिपलाकोट का सबसे ऊँचा धवल शिखर. केदार कुंड के ऊपर नाजुरीकोट का शिखर. यहीं रहता है छिपला का राजा. कनार देवी... Read more
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बीते रविवार करीब हजार लोग जनगीत गाते हुए सड़कों पर थे. करीब दो किमी की अपनी पदयात्रा में शामिल को हाथों में तख्ती लिये थे. किसी तख्ती में अंग्रेजी में लिखा... Read more