अगर समझ सको तो, महोदय पत्रकार!
पत्रकार महोदय – वीरेन डंगवाल ‘इतने मरे’ यह थी सबसे आम, सबसे ख़ास ख़बर छापी भी जाती थी सबसे चाव से जितना खू़न सोखता था उतना ही भारी होता था अख़बार. अब सम्पादक चूंकि था प्रका... Read more
वनवासियों की व्यथा
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सोलह राज्यों के 11.8 लाख वनवासियों की दावेदारी को ख़ारिज कर दिया था. देश की 15 प्रतिशत भूमि पर रहने वाले इन वनवासियों की मांग पर भारतीय आमचुनाव की तैयारी की राजनीत... Read more
तब इंदिरा गांधी से महिलाएँ बहुत प्रभावित थी
तब हम हल्द्वानी के गौरापड़ाव के हरिपुर तुलाराम गांव में ही रहते थे. मुझे हल्की सी याद अभी भी है कि तब युद्ध का समय था. रात में कई बार घर में बाबू कहते थे बाहर उजाला मत करो, नहीं तो दुश्मन के... Read more
‘सौंदर्य की कविता’ और ‘कविता का सौंदर्य,’ दोनों ही महत्वपूर्ण हैं. परन्तु इन दोनों से भी अधिक महत्वपूर्ण है- सौंदर्य के द्वारा लिखी गई कविता. सौंदर्य के द्वारा लिखी ग... Read more
डिकर: वनस्पतियों से निर्मित देव प्रतिमाएँ
डिकर का मतलब है पूजे जाने के लिए बनायी जाने वाली मूर्ति या वनस्पतियों से निर्मित देव प्रतिमाएँ. इनका निर्माण मुख्यतः कर्क संक्रांति पर मनाये जाने वाले संक्रान्तोत्सव, हरेला, जन्माष्टमी, सातू... Read more
25 मार्च को न्यूज 18 इंडिया कार्यक्रम के पत्रकार प्रतीक त्रिवेदी अपने मशहूर चुनावी शो ‘भैयाजी कहिन’ के लिए उत्तराखंड की सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा पहुंचे. ये शो शिखर होटल के प्रांग... Read more
भारतीय क्रिकेट के सर्वकालीन महानतम खिलाड़ियों में गिने जाने वाले पॉली उमरीगर (Polly Umrigar) ने चालीस के दशक के अन्तिम सालों से लेकर साठ के दशक के शुरुआती सालों तक देश का प्रतिनिधित्व किया. उ... Read more
गैरीगुरु की पालिटिकल इकानोमी : अथ चुनाव प्रसंग
गैरीगुरु उर्फ गिरिजा का नाम एडम स्मिथ, रिकार्डों, जेएसमिल के बाद सीधे गुन्नार मिरडल तक जाता है. गिरिजा से उन्हें सुकुमारी होने का बोध हुआ तो गैरी कहलाना पसंद किया. उनके मुंह लगे चेले ने जब ध... Read more
पिछला दरवाजा बड़ा चमत्कारी होता है. आगे के दरवाजे पर बैठा हुआ संतरी जिसे भीतर घुसने से रोक लेता है वह पिछले दरवाजे से पीछे घुस कर कुर्सी पर विराजमान हो जाता है. इसमें संतरी का कोई कसूर नहीं.... Read more
बचपन का धारचूला गंगोत्री गर्ब्याल जिस दिन कुंचा धारंचूला पहुंचता, उस दिन की खुशी का कोई पार नहीं. चित्त अति ही प्रफुल्लित होता. पटघार से धारचूला दिखता, मैना पक्षियों के झुण्ड ‘चिर-चिर’ शोर म... Read more