अल्मोड़ा के दो पेड़ों का खूबसूरत मोहब्बतनामा
यह एक ऐसी प्रेम कहानी है जो आपने पहले शायद ही कहीं पढ़ी या सुनी हो. यह कहानी पिछले तकरीबन 100 सालों से अल्मोड़ा की माल रोड में चल रही है और हमें उम्मीद है की आने वाले कई सालों तक ऐसे ही जारी... Read more
ये कौन आया…
छह-सात दशक पहले, हिंदी सिनेमा में रोमानी उत्थान के गीतों की जो धारा बहनी शुरू हुई, लंबे अरसे तक उनका प्रभाव बना रहा. इन गीतों के जरिए सिनेप्रेमियों को लौकिक प्रेम को अभिव्यक्त करने के कई रंग... Read more
पहाड़ मेरे लिए माँ की गोद जैसा है
मसूरी और देहरादून के नामों के साथ रस्किन बांड (Ruskin Bond Writer Birthday ) का नाम लम्बे समय से जुड़ा रहा है. एक लम्बे अरसे से वे देश में सबसे ज्यादा बिकने वाले लेखकों में शुमार हैं. मसूरी म... Read more
पिंडारी घाटी का जन-जीवन : फोटो निबंध
बागेश्वर की पिंडारी घाटी में स्थित है पिंडारी ग्लेशियर. 4200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पिंडारी ग्लेशियर लगभग पांच किमी लम्बा और ढाई किमी चौड़ा ग्लेशियर है. इसी ग्लेशियर से पिंडर नाम की नदी भी नि... Read more
आज वैशाख पूर्णिमा है. भारत समेत विश्व भर में आज का दिन बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. वैशाख पूर्णिमा के दिन ही बुद्ध का जन्म हुआ था, वैशाख पूर्णिमा के दिन ही बुद्ध को ज्ञान प्राप्त... Read more
महसूस तुम्हें हर दम फिर मेरी कमी होगी
मेलोडेलिशियस-3 (पोस्ट को रुचिता तिवारी की आवाज़ में सुनें) ये ऑल इंडिया रेडियो नहीं है. ये ज़हन की आवाज़ है. काउंट डाउन नहीं है ये कोई. हारमोनियम की ‘कीज़’ की तरह कुछ गाने काले-सफेद... Read more
देहरादून में टपकेश्वर शिव मंदिर
उत्तराखण्ड में भगवान शिव के मंदिर सर्वत्र विद्यमान हैं. कहा जाता है कि हिमालय के कण-कण में भगवान महादेव का वास है. यहाँ भगवान शिव के ढेरों मंदिर हैं, इनकी देश-विदेश में बहुत मान्यता है. इन्ह... Read more
पिछली शताब्दी की महानतम प्रतिभाओं में एक थे बर्ट्रेंड रसेल. वे एक ऐसे गणितज्ञ थे जिन्हें नोबेल पुरुस्कार मिला था. यह उनके व्यक्तित्व का एक दूसरा बड़ा आयाम थे कि वे एक विख्यात दार्शनिक भी थे ज... Read more
कहां थे मेरे उजले दिन
कहो देबी, कथा कहो – 44 पिछली कड़ी – तोर मोनेर कथा एकला बोलो रे सांझ ढल गई थी और अंधेरा घिरने के साथ-साथ ट्रेन से दिखाई देते गांवों और नगरों में बिजली की बत्तियां जगमगाने लगीं. शताब्दी ट... Read more
अल्मोड़ा के फालतू साहब और उनका पीपीपी प्लान
एक फलसफा कहीं सुना था कि जिंदगी में और दफ्तर में कुछ भी फालतू (Faltu Sahab of Almora) नहीं होता पर अल्मोड़े में कचहरी में एक चीज ऐसी थी जिसे उसके यार अहबाब फालतू साहब कहते थे. अमिताभ बच्चन क... Read more