उत्तराखंड के सबसे प्रतिभावान फोटोग्राफर में एक नाम कमल जोशी है. कमल जोशी ने जीवन भर कुमाऊं गढ़वाल के पहाड़ों में घूम कर पहाड़ के जीवन की पीड़ा अपने कैमरे में कैद की. कुछ वर्ष पहले कमल की आकस्मिक... Read more
रोपणी के खेत से जीतू को हर ले गयी आंछरियां
इन दिनों पहाड़ के गांवों के खेतों में रोपाई अर्थात रोपणी की जा रही है. अषाढ़ के महीने की छः गते की रोपणी को लेकर आज भी पहाड़ के लोक में माना जाता है कि इस दिन रोपणी के सेरे (रोपाई के खेत) मे... Read more
जैसा की हमने बताया था कि पिथौरागढ़ शहर के कालेज में पढ़ने वाले छात्र किताबों के लिए आन्दोलन कर रहे हैं. आज इन छात्रों को आन्दोलन करते हुये पन्द्रह दिन हो गये हैं लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से इ... Read more
दोपहर का समय होगा जब अचानक ही मेरा प्लान कपिलेश्वर महादेव के मंदिर जाने का बन गया और मैं निकल गयी कपिलेश्वर महादेव मंदिर के लिये. अल्मोड़ा जिले के इस मंदिर को पर्यटन के नजरिये से बहुत ज्यादा... Read more
अब जब कविता के रूप, उसके प्रतिपाद्य, उसकी भाषा से ज़्यादा उसके होने, न होने पर ही चौतरफा हमले हैं, आलोक धन्वा की कविता इस पूरे परिदृश्य पर एक चाँद के जैसे टँकी हुई दिखती है. आज जब कविता पर त... Read more
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – बारहवीं क़िस्त पिछली क़िस्त का लिंक: बच्चे कैसे जिएंगे हिंसक होते जा रहे समाज में पैदा होने के बाद तुम्हें पता चलेगा मेरी जान कि मैं मांस नहीं खाती, तुम्हारे... Read more
पहाड़ की कहानियां जो पिछली सदी में बैगा हुड़किया ने सुनाई थी पादरी ई एस ओकले और तारा दत्त गैरोला को : एक समय की बात है कि लखीमपुर नामक स्थान में काला भंडारी नाम का व्यक्ति रहता था, उसके पिता... Read more
पर्वतारोहियों की मृत्यु की सूचना सम्मानपूर्वक दे सकने तक का समय नहीं है पिथौरागढ़ जिला प्रशासन के पास
28 जून के दिन का यह पोस्ट पिथौरागढ़ जिला प्रशासन के फेसबुक पेज का है. यह पोस्ट हाल ही में नंदा देवी में आठ पर्वतारोहियों की मृत्यु से संबंधित है. नंदा देवी में हुई इस दुखद घटना के बाद जिला प्... Read more
भांग की चटनी – चटोरे पहाड़ियों की सबसे बड़ी कमजोरी
चंदू की चाची को चांदनीखाल में चटनी चटाई जूनियर कक्षाओं में बाल मंडली ने अनुप्रास अलंकार का एक घरेलू उदाहरण ईजाद किया-था “ चंदू के चाचा ने चंदू की चाची को चांदनी चौक में चांदी की चम... Read more
सिल्ला और चिल्ला गाँव – लीलाधर जगूड़ी हम सिल्ला और चिल्ला गाँव के रहनेवाले हैंकुछ काम हम करते हैं कुछ करते हैं पहाड़उत्तर और दक्षिण के पहाड़ हमें बाहर देखने नहीं देतेवह चील हमसे ज्यादा... Read more