आज जब हम लोगों को अपने बच्चों के हिंदी बोलने तक में शर्म महसूस होती है ऐसे में अपने बच्चों को कुमाऊनी बोलने की इजाजत भर देना आश्चर्यचकित कर देता है. किसी भाषा की दुर्गत करने में पहला योगदान... Read more
तिमला: स्वाद ही नहीं सेहत का खजाना भी है
वैसे तो उत्तराखण्ड में बहुमूल्य जंगली फल बहुतायत मात्रा में पाये जाते हैं जिनको स्थानीय लोग, चरवाहे और पर्यटक बड़े चाव से खाते हैं. ये सभी फल पौष्टिकता एवं औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. इन्... Read more
कुमाऊं और गढ़वाल में बहुत सी ऐसी परम्परा और रीतियां हैं जो अब हमें केवल किताबों में देखने को मिलती है. बदलते परिवेश के साथ गढ़वाल और कुमाऊं में होने वाले परम्परागत विवाह में बहुत सी परम्परायें... Read more
लाखामंडल का महाभारतकालीन शिव मंदिर
उत्तराखण्ड के देहरादून जिले के लाखामंडल गाँव के पास ऐतिहासिक, पौराणिक और धार्मिक महत्त्व की धरोहरें हैं. ये धरोहरें उपेक्षित हैं, इसी वजह से जिस जगह पर सैलानियों का साल भर ताँता लगा रहना चाह... Read more
जब से उत्तराखंड सरकार बनी है हमेशा पैसों के लिये रोती रही है. फिर चाहे शिक्षा पर खर्च हो या स्वास्थ्य पर उत्तराखंड सरकार ने हमेशा पैसा खर्च करने में भौं निचोड़ी हैं. राज्य सरकार के कई ऐसे विभ... Read more
हमारे फैजाबाद में घंटाघर के नीचे एक बदसूरत सी पान की दुकान है, लेकिन चलती खूब है. वजह यह कि उसके जैसा कत्था पूरे शहर में कोई और नहीं बनाता. एक गिलौरी मुंह में दबाइए और चलते-चलते मकबरे तक पहु... Read more
चलो सखी पर्वत है आएं
चलो सखी पर्वत है आएं सब आपस में चंदा करकैंडीजल की गाड़ी में भर कैंदेहरी छू भज आएं चलो सखी पर्वत है आएं काउ नाव में बैठ-बाठ कैंमाल रोड की काउ लाट पैंस्लीवलेस पे टैटू गाँठ कैंसेल्फ़ी... Read more
अल्मोड़ा का सामूहिक संध्यावंदन और विदेशी लाल परी
कॉटेज नंबर सी 09, जिसमें अल्मोड़ा के आरंभिक दिनों में प्रवास का मौका मिला था, के अगल-बगल, आगे-पीछे की तरफ कुल जमा तेरह चौदह कॉटेज और भी थीं. जिनमें काफी कुछ आबाद थीं.... Read more
फायदेमंद है जोंक से अपना खून चुसवाना
बरसात के मौसम में पहाड़ी इलाकों में जोंकें देखी जाती हैं. स्थानीय लोग तो इसके अभ्यस्त हो जाते हैं लेकिन मैदानी इलाकों से छुट्टियाँ बिताने पहाड़ आने वाले अप्रवासी और पर्यटक जोंकों से खौफ़जदा... Read more
उत्तराखण्ड देवभूमि में लगभग 2000 मीटर तक की ऊंचाई तक चिर पाइन यानी भारतीय चीड़ के जंगल मिल जाएंगे, ऊंचे-ऊंचे दरख़्त नोंकदार पत्तियां और भूरे लाल रंग के तने के साथ. आप को बताऊं ये केवल चीड़ क... Read more