खुद तो थे कंगाल गुरुजी कर गए मालामाल गुरुजी !
अभी पन्द्रह दिवस पूर्व ही लघु अमावस्या बीती है. इसे चेला अमावस भी कहते हैं. आज गुरु पूर्णिमा का पावन दिन आया है. आज के दिन उन सभी आत्माओं को मन-वचन से श्रद्धा सुमन अर्पित करने का अवसर आया है... Read more
रैमजे ने शुरु कराई कुमाऊं में आलू की खेती
आलू-पालक, आलू-जीरा, आलू-टमाटर, आलू-मटर, दमा आलू और भी अनेकों ऐसी सब्ज़ियां हैं जो बिना आलू के अधूरी हैं. आज आलू के बगैर हम अपने किसी खाने की कल्पना नहीं कर सकते. अगर दुनिया में आलू ना होता त... Read more
कहते हैं बुज़ुर्गों की डांट-फटकार बच्चों के लिए जीवन का सबब होती थी.मां की डांट को बच्चे नज़रअंदाज़ कर जाते थे लेकिन आमा-बूबू की डांट सुनते ही सन्न रह जाते थे. समय काफ़ी बदल चुका है. अब न तो... Read more
बरसों पहले कोकूकोट में कोकू रावत नाम का एक राजा हुआ करता था. राजा कोकू की सात रानियां थी लेकिन कोई पुत्र न था. इसलिए राजा ने एक और विवाह कुंजावती नाम की अद्वितीय सुंदर लड़की से किया. कोकू रा... Read more
पौड़ी का कण्डोलिया ठाकुर मंदिर
माना जाता है कि चंद साम्राज्य की राजधानी चम्पावत से डुंगरियाल-नेगी जातियों से सम्बन्ध रखने वाले कुछ परिवार अपना मूल स्थान छोड़ कर पौड़ी में आ कर बसे थे. जैसी कि परम्परा थी इस तरह स्थान बदलने व... Read more
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – चौदहवीं क़िस्त पिछली क़िस्त का लिंक: बच्चा पैदा करने का अंतिम निर्णय सिर्फ और सिर्फ मां का होना चाहिए क्या मुझे तुमसे छिपाना चाहिए मेरे बच्चे, कि हम... Read more
उत्तराखंड में खेलों के क्षेत्र में संसाधन न के बराबर हैं. पर्वतीय क्षेत्रों में तो अभ्यास के लिए छोटे-मोटे मैदान तक का मिल पाना असंभव है. इसके बावजूद अपनी मेहनत और लगन से उत्तराखण्ड के कई खि... Read more
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की धारचूला तहसील में अवस्थित सीमान्त व्यांस घाटी के पहले गाँव बूदी से गर्ब्यांग तक की दूरी कुल 9 किलोमीटर है. पिछले कोई पचास साल से इस गाँव को ‘धंसता हुआ गाँव’ की... Read more
बड़े-बड़े गुण वाला बड़ी का साग
हिमाचल वाला किस्सा यहां भी दोहराया गया. फर्क सिर्फ ये है कि शिमला में शर्मा जी थे और यहां हल्द्वानी में वर्मा जी. आउटगोइंग गर्मी, इनकमिंग बरसात के दिनों में एक दिन शर्मा जी रात को शिमला के प... Read more
इतनी कोफ़्त होने से आदमी कोफ्ता हो जाता है
थोथा देई उड़ाय-2 मुझे इस बात की भी कोफ़्त है खुद से, कि आज तक मेरा कलियुगी महासंस्कार नहीं हुआ. मॉडर्न वेदाज़ में जिसे ट्रोलिंग कहा गया है. हुआ तो वाइरल भी नहीं कभी, पर ज़्यादा बड़ी इच्छा तो... Read more