विकास के नाम पर पर्यावरण की हत्या
तथाकथित विकास के नाम पर वर्षों पुराने हरे पेड़ काटने वालो इसकी हाय से बचोगे नहीं तुम देख लेना. पूछ लो कुछ पुराने लोगों के बारे में. उनके परिवारों की क्या स्थिति है आज? गर्मी के दिनों में बटो... Read more
पितृ पक्ष निकट है और सनातनी समाज में इस अवसर पर अपने पितरों की तृप्ति के लिए तर्पण एवं श्राद्ध का विधान है. देश के उत्तर से दक्षिण तक तथा पूरब से पश्चिम तक इस परम्परा का पालन हर हिन्दू समाज... Read more
किलमोड़े के कांटे से टैटू
आज वैश्विक स्तर पर शरीर में तरह-तरह के टैटू गुदवाने का प्रचलन है. भारत में भी इसका प्रचलन जोरों पर है. विश्व में टैटू बनाने के कोर्स चलते हैं, जिसका एक अपना बड़ा बाजार है. भारत में बड़े शहरो... Read more
एक समय दूरदर्शन पर एक महिला पुलिस अफसर की जिन्दगी पर आधारित सीरियल बहुत विख्यात हुआ था. ‘उड़ान’ नामक इस सीरियल को बनाने की प्रेरणा निर्देशक कविता चौधरी को अपनी बड़ी बहन कंचन चौधरी... Read more
मंदी अर्थव्यवस्था का श्रृंगार है
मंदी अर्थव्यवस्था का श्रृंगार है. मंदी का देश में आना बहुत जरूरी है जिससे समझ में आ सके कि मंदी के कारण अर्थव्यवस्था में क्या-क्या समस्याएँ आ सकती हैं. मंदी के कारण ही विश्व पटल में देश का न... Read more
अल्बानियाई जड़ों से कलकत्ते आई थी मदर
वर्ष 1910 में आज के दिन जन्मीं मदर टेरेसा को 1979 में नोबेल शान्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. युगोस्लाविया के स्कोप्ये नगर में जन्मीं मदर टेरेसा का वास्तविक नाम एग्नेस गोंक्सा बोयाक्स... Read more
पिथौरागढ़ के सतगढ़ और सुरुण गांव की हिलजात्रा
मेले और त्यौहार लोक-परम्पराओं को जीवित रखने में सबसे महत्वपूर्ण योगदान रखते हैं. इन दिनों पूरे पहाड़ में सातों-आठों का पर्व मनाया जा रहा है. सातों-आठों या सातूं-आठूं लोकपर्व का ही हिस्सा है ह... Read more
खूबसूरत रास्ते, ऊंचे हिमालय, नदियाँ और अपनी अलग सी संस्कृति समेटे हुए कई गांव – सिनला पास ट्रेक अपने आप में एक बेहतरीन ट्रेक है. यह ट्रेक किसी भी टूरिस्ट को निराश नही करेगा. इस ट्रेक म... Read more
आपकी आँखों में कुछ महके हुए से राज़ हैं
आपकी आँखों में कुछ महके हुए से राज़ हैंआपसे भी खूबसूरत आपके अंदाज़ हैंआपकी आँखों में…लब हिले तो मोगरे के फूल खिलते हैं कहींआपकी आँखों में क्या साहिल भी मिलते हैं कहींआपकी खामोशियाँ भी, आप की... Read more
उत्तराखंड में सातों-आठों बहुत महत्व का त्यौहार माना जाता है. इन दो दिनों में गाँव की सभी युवतियां और महिलाएं गौरा और महेश (शिव और पार्वती) को पूजती हैं. गौरा और महेश की जिन आकृतियों की पूजा... Read more