ऊंकू बामण बिर्तिकु काम छाई. कौ-कारज, ब्यौ-बरात, तिरैं-सराद मा खूब दान मिल्दु छाई. बामण भारि लद्दु-गद्दु बोकिक घौर लौटद छा. खटुलि, धोती, आटू, चौंळ, छतुरू. पैंसा दीण म नन्नी मोर जांदि छै. बरतण... Read more
आई भगवान ज्यूनै छन: मातृभाषा दिवस विशेष
पैली जमान में धार्मिक विश्वास आदिमूं लिजी भौत ठुल सहार हुंछी. जब लै कोई प्राकृतिक आपदा उनूंकैं दुखी और परेशान करछी लोगबाग यौ सोचि बेर अपुण मन कैं बोत्याई लिछी कि जो लै करो द्याप्तांल करौ और... Read more
बोलने वाला शायर बनने का मंतर
“क्या हुआ चचा जान? बड़े बेउम्मीद-बेसहारा से दिख रहे हो!”(Shayar Satire by Priy Abhishek) “यार, शेर लिख-लिख कर मर गया; कोई रिस्पांस नहीं आता. कुछ मदद करो.” भोगीलाल कंसल्टेंसी के दर पर आज हाजी... Read more
उत्तराखंड के पहले करोड़पति परिवार की दास्तां
पिथौरागढ़ की धरती में एक ऐसा व्यापारी परिवार भी रहा जो अद्वितीय था. वह था मालदार परिवार. आज तो यह परिवार अपनी पूरी जायदाद के बारे में ही नहीं जानता. पारिवारिक सम्पत्ति के झगड़े सरे आम हैं. म... Read more
अपनी दुधबोली से एक परिचय
कुमाऊनी भाषा उत्तराखंड के कुमाऊँ मण्डल के छह जनपदों में बोली जाती है. इसके अलावा देश के विभिन्न भागों में जहां-जहां भी प्रवासी कुमाऊनी रहते हैं, वे भी सामान्य भाषा का प्रयोग करते हैं. इस तरह... Read more
सुबह नाश्ते के बाद अगले पड़ाव के लिए सभी ने अपने रकसैक कंधों पर डाल लिए. दिन के खाने के लिए उबले हुए चटपटे चनों के साथ दो अंडे मिल गए. गांव की पगडंडियों के पार आगे रास्ता हमें धीरे-धीरे ऊंचा... Read more
दूर पहाड़ों में बसे मेरे गांव में भी आ गया होगा वसंत. शायद इसीलिए कई दिनों से मेरा मन बेचैन है. महान प्रकृति विज्ञानी चार्ल्स डार्विन याद आ रहे हैं. अगर चिड़ियां उनकी बात समझ सकतीं तो तब वे... Read more
7 फरवरी में चमोली में आए सैलाब ने हिमायली राज्यों में हो रहे प्रकृति के दोहन पर एक नयी बहस छेड़ दी है यहाँ तक की लाहौल-स्पीति घाटी के लोगों ने बाँधों का पुरजोर विरोध करने फैसला तक किया है. र... Read more
गोरी गंगा नदी पर बसी नयनाभिराम घाटी है जोहार की उपत्यका. जो घिरी है पंचचूली, राजखंबा, हंसलिंग और छिपलाकेदार पर्वत श्रृंखला से. अप्रतिम सौंदर्य के सम्मोहन से इसे “सौ संसार एक जोहार... Read more
18 मई की सुबह खुलेंगे बद्रीनाथ के कपाट
टिहरी राजपरिवार और बद्रीनाथ धाम की धार्मिक परम्पराएं आदि गुरू शंकराचार्य द्वारा आठवीं शताब्दी के मध्य में बद्रीनाथ स्थित नारद कुंड में फेंकी गई विष्णु रूप भगवान शालिग्राम की मूर्ति को... Read more