अस्सी पार कर चुके हैं लोहनी जी. टनकपुर में उनका घर ढूंढने में कोई देर न लगी. सड़क पर एक बुजुर्ग व्यक्ति से उनके घर की गली जानने के लिए मैंने अपने साथी से कहा तो सड़क से जा रहीं चार महिलाओं म... Read more
मनकामना देवी का मनोहारी तीर्थ
भक्तों के मन की इच्छा पूरी करने वाला देवी भगवती का मंदिर ‘मनकामना को चिनो’ मनकामना मंदिर नेपाल का एक मुख्य शक्ति पीठ है. यह काठमांडू से चंद्रागिरि, बेनिघाट, चरंडी, कुरियन घाट होत... Read more
नेपाल में मुस्तँग : सीमित बसासत असीम जैव-विविधता
उत्तरी नेपाल के सुदूरवर्ती गँड़की प्रान्त में उत्तर की ओर फैले हिमालय में जहां आठ हजार मीटर ऊँचे अन्नपूर्णा व धौलागिरी के शिखर हैं तो दूसरी ओर रूखे वनस्पति विहीन होते जाते तिब्बती पठार जिनके... Read more
अद्भुत व आश्चर्यजनक नेपाल में मुक्तिनाथ
मुक्तिनाथ मंदिर झोंग खोला घाटी के शीर्ष में स्थित है. यही झोंगखोला घाटी सामान्यतः मुक्तिनाथ घाटी के नाम से अपनी अलग पहचान बनाती है. झोंगखोला और काली गँडकी नदी के मध्य में जॉमसोम से आधे दिन क... Read more
पिछली कड़ी यहां पढ़ें- वो भूली दास्तां लो फिर याद आ गई: पिथौरागढ़ महाविद्यालय में मेरा पहला दिन वर्ष 1979 सितम्बर का महीना भीगी भीगी सी सुबह. दीप तो साढ़े चार बजे ही आ मेरा दरवाजा खटखटा चुका थ... Read more
वो भूली दास्तां लो फिर याद आ गई: पिथौरागढ़ महाविद्यालय में मेरा पहला दिन वर्ष 1979
पिछली कड़ी यहां पढ़ें: छिपलाकोट अंतर्कथा : मुझे एक जगह आराम नहीं, रुक जाना मेरा काम नहीं डॉ मुन्ना भाई शाह अलमस्त से वह, जो पिथौरागढ़ महाविद्यालय में अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष रहे और मुझे... Read more
नुक्कड़ नाटकों पर नटरंग
पिछले चार दशकों से कुछ अलग तरीके से सन्देश देते, जाग्रत से कुछ मुद्दे उठाए आम लोगों से सीधे जुड़ते, संवाद करते सामने आते रहे नुक्कड़ नाटक. चारों और घिर आयी भीड़ से घिर गलियों-चौराहों, फैक्ट्... Read more
सितम्बर 22 को रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इण्डिया (आर.जी. आई) के जरिये आये नतीजे जो सांख्यिकी रपट 2020 की न्यादर्श पंजीकरण प्रणाली (एस.आर.एस) पर आधारित रहे, बताते हैं कि, “उत्तराखंड में प्रति ह... Read more
देहरादून के करीब का वह छोटा सा गांव डोईवाला,जहां गंगा राम मल्ल और पार्वती मल्ल रहते थे. उनके घर पहली जुलाई 1913 को जो शिशु जन्मा उसका नाम पड़ा दुर्गा. गंगा राम मल्ल 1/2 गोरखा राइफल में नायब... Read more
पहाड़ में ताल-चाल-खाल बनाम अमृत सरोवर
उत्तराखंड में पारम्परिक रूप से बरसात के पानी को रोकने के लिए बनाए तालाबों को चाल -खाल कहते हैं. अमूमन दो पहाड़ियों के बीच की ढलान जिस स्थान पर मिलती है वहां स्थानीय स्तर पर इन्हें बनाया जाता... Read more