पितृ पक्ष में हरि की पौड़ी हरिद्वार
हरिद्वार नाम का उल्लेख पद्म पुराण में है. इसके ‘उत्तर -खंड’ में गंगावतरण की कथा है. महाभारत के ‘वन-पर्व ‘ में नारद मुनि ‘भीष्म-पुलस्त्य संवाद’ से युधिष्ठि... Read more
चुस्त-दुरुस्त सर फर. अभी यहाँ से कुछ पौंधे सारे हैं. तो अब तेज हो गई सतझड़ से वो सारे गमले उठाने में जुट जाना है. सबमें जान ठहरी. इतने द्वौ बारिश आंधी कुहरे में तो गल जायेंगे. वो नीम की खाद... Read more
पॉलीथिन बाबा का प्रभात
गाँधी जयंती पर देश को पॉलिथीन मुक्त करने का सन्देश लालकिले की प्राचीर से देते मोदी बाबा. हिमालय बचाओ पॉलिथीन हटाओ,ग्रेस मार्क्स की जगह ग्रीन मार्क्स की घोषणा करते मानव संसाधन मंत्री निशंक. अ... Read more
विभाण्डेश्वर शिव मंदिर की तस्वीरें
स्कन्द पुराण के मानस खंड में द्वाराहाट से पांच किलोमीटर दूर स्थित विभाण्डेश्वर के माहात्म्य का उल्लेख किया गया है. यह स्थल देव, गन्धर्व और यक्षों द्वारा पूजित माना गया. (Vadabhandeshwara Tem... Read more
स्ट्रीट फोटोग्राफी का डिप्रेशन
जीवन भर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कुल महाविद्यालयों में अर्थशास्त्र की प्राध्यापकी करते रहे प्रोफेसर मृगेश पाण्डे फिलहाल सेवानिवृत्ति के उपरान्त हल्द्वानी में रहते हैं. अर्थशास्त्र के अति... Read more
1950 में जीवनयापन के लिए खार मुंबई में टैक्सी चला परमानन्द जोशी दरसानी गरुड़ से प्रवास कर गए. उनके बेटे डी. के. जोशी ने ट्यूशन आदि कई धंधे कर 1990 में अल्मोड़ा महाविद्यालय में 1990 में... Read more
गरुड़ गंगा गोमूत्र रत्नावली
ग से गरुड़ गंगा के गंग लौड़ों की रेडियोधर्मिता से अभिसिक्त व गो से गोमूत्र की सरल आणविक शक्तियों द्वारा सिंचित रहस्यमयी टुटकों के चुटकों को उधेड़, लोक कल्याण की पावन कामना से खुड़पेंची... Read more
भीमताल का भीमेश्वर महादेव मंदिर
भीमताल डाट में बस स्टेशन से 200 मीटर आगे उत्तराखंड का प्राचीन शिव मंदिर है. इसे भीमेश्वर मंदिर कहा जाता है. भीमेश्वर मंदिर के विषय में मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों द्वारा कराया... Read more
शिव की अति प्यारी विजया
विजया अर्थात संस्कृत में भंगा, मदकारिणी, मादनी, बंगाली में सिद्धि भांग, फ़ारसी में कनब, बंग,अरबी में किन्नाब व मराठी, गुजराती व हिंदी में भांग तो अंग्रेजी में Indian Hemp कही जाती है. इ... Read more
जागेश्वर में बानर का स्वांग करने वाले लड़के से सुनिये युवा पहाड़ियों की कहानी
हाँ, सौंणन में खूब रेलमपेल रहने वाली ठेरी फीर. वो मंदिर से यहाँ कुबेर जी के मंदिर तक दिनमान भर नब्बे-सौ चक्कर लग ही जाने वाले हूए मेरे. दनिया-पनुएनौला की रामलीला में भी ऐसे ही कभी बानर, कभ... Read more