दो सैंणियों वाले कव्वे की रीस: उत्तराखंडी लोककथा
एक कव्वा था. उसकी दो सैंणियाँ थीं. एक नई जवान देखणंचाणं थी, दूसरी उतनी सुन्दर तो नहीं थी. पर होशियार सीप वाली थी. देखणंचांण जवान सेंणी को कव्वा ज्यादा भल मानता था. दोनों पत्नियों में बनती थी... Read more
श्रीकृष्ण के बाल्यकाल में यमुना के तट पर उनका कालियनाग से संघर्ष का वर्णन मिलता है. श्रीकृष्ण और कालिय नाग के मध्य हुए इस संषर्ष में जब श्रीकृष्ण विजयी होते हैं तो कालिय नाग को यमुना छोड़कर... Read more
मध्य हिमालय में जब कड़ाके की सर्दी बढ़ती है तो पेड़ अपने पत्तों को भी ख़ुद से अलग कर देते है. ख़ुद को बचाने वाले इस मौसम में मध्य हिमालय में उगने वाला पैयाँ का पेड़ है जिसपर इस जटिल मौसम में... Read more
ट्वीट कराओ – कोरोना भगाओ
उनकी टैस्ट रिपोर्ट अभी-अभी पॉजिटिव आयी है. ये एन्टीजन टैस्ट बताया जा रहा है. वो हमेशा ही एन्टी जन रहे हैं, रिपोर्ट तो पॉजिटिव आनी ही थी. उन्होंने इतरा कर ट्वीट किया है कि वो ‘पॉज... Read more
चनका – पलायन को ठेंगा दिखाता एक मेहनती पहाड़ी
चनका ब्रिटिश भारत के नागरिक जो ठहरे. बिल्कुल 24 कैरेट की पहाड़ी पर्सनालिटी. पीठ में आज से 30 बरस पहले बाजार में मिलने वाला पिट्ठू और एक लाठी हाथ में. हलका शरीर, 5’5’’ का कद और एक फौजी की सी... Read more
रूपकुंड के रहस्य से जुड़ी एक दिलचस्प लोककथा
कन्नौज के राजा और उसके राज्य पर देवी भगवती का कोप था. अच्छा धान बोने पर सोला उगता. लोग जब अच्छे गेहूँ की उपज की आशा लगाए बैठे थे, खेतों में गोबरी पैदा हुई. चने की फसल जब लोग काटने गए तो उन्ह... Read more
इंतज़ार : युगल जोशी की कहानी
बहुत भागकर वह किसी तरह समय पर बस पकड़ पाया था. (Intezaar Story by Yugal Joshi) सेमेस्टर के इग्ज़ैम के बाद दो हफ़्ते की छुट्टियाँ थीं. यह तब की बात है जब मोबाइल फ़ोन जनता जनार्दन के सपन... Read more
दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों के प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र गंभीर रूप से बीमार हैं
उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतर चुकी हैं. खास तौर से भौगोलिक विषमताओं वाले यहां के पर्वतीय क्षेत्रों में मातृ एवं शिशुओं की देखभाल के सरकारी इंतजाम अति दयनीय दशा में हैं. पहाड़ के... Read more
यूं तो आलू दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली सब्जियों में है लेकिन इसे वह इज्जत नहीं बख्शी जाती जिसकी हकदार ये है. माना जाता है कि इसका अपना कोई गुण और चरित्र नहीं है, ये हर सब्जी... Read more
हिन्दी भाषा में जहां एक अक्षर के शब्दों का प्रयोग अधिकांशतः कारक के रूप में ने, से, को, का, के, की? में, हे! आदि में अथवा समुच्चय के रूप में दो शब्दों अथवा वाक्यांशों के संयोजन में -या का ही... Read more