नैनीताल के ढेरों कलाकारों ने कला के विभिन्न क्षेत्रों में अपना मुकाम बनाया है. आज भी नैनीताल उत्तराखण्ड के उन शहरों-कस्बों में है जहां साल भर सांस्कृतिक गतिविधियाँ होती रहती हैं. (Photograph... Read more
झोली का नाम झोली ही कैसे पड़ा इस बारे में विद्वानों के अपनी अपनी बुद्धि और तजुर्बे के हिसाब से कई मत हो सकते हैं, जैसे मेरी अल्पबुद्धि कहती है कि ये मैदानी भागों में बनाए जाने वाले आलू के झो... Read more
पीली कोठी, जज फ़ार्म और हल्द्वानी के बाकी मोहल्लों के नाम रखे जाने की कहानी
हल्द्वानी में पीली कोठी एक बड़ा क्षेत्र है लेकिन इसकी शुरुआत एक कोठी से हुई थी. इलाहाबाद से होम्योपैथिक डॉक्टर जयदत्त गुरु रानी 1928 में हल्द्वानी आकर रहने लगे थे. शुरू में मुखानी चौराहे पर... Read more
वनस्पति जगत से मैत्री सम्बन्ध बने, आस्था के प्रतीक रूप में जीवंत हुए. तुलसी, पीपल में जल चढ़ा तो उसकी जड़ों को मिलते रहा. पूजा भी हुई वृक्ष का संरक्षण भी हुआ. पेड़ के नीचे चबूतरे बने. विश्रा... Read more
पिज्जा, बर्गर और फास्ट फूड के इस दौर में यदि उत्तराखण्ड के परम्परागत व्यंजनों की बात करें तो आधुनिक पीढ़ी को ताज्जुब नहीं होना चाहिये कि उस दौर में रिश्तेदारी में जाने के लिए भी ये ही पकवान... Read more
“चाँद के उस पार चलो” फिल्म टेलीविजन पर चल रही है. फिल्म के अन्तिम दृश्य नैनीताल के मैदान में फिल्माया गया है. दृश्य लगभग रोमांटिक कहा जा सकता है.अन्त सुखान्त है. नायक और नायिका क... Read more
उत्तराखण्ड बोर्ड परीक्षा के विद्यार्थियों के लिये निःशुल्क कक्षाएं – एक बहुत सराहनीय पहल
राजकीय शिक्षक संघ व माध्यमिक संघ की नैनीताल इकाईयां पिछले वर्षों की तरह इस साल भी 10वीं व 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को जाड़ों की छुट्टियों में नि:शुल्क कोचिंग देंगी, ताकि विद्यार्थियों की... Read more
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – 36 (Column by Gayatree arya 36) पिछली किस्त का लिंक: शारीरिक आकर्षण खो देना मां बनने की एक जरूरी और क्रूर शर्त है तुम्हारा जन्म हो चुका है और तुम लड़के हो र... Read more
यहां भाबर के लिए एक शब्द अक्सर प्रयोग में लाया जाता है भबरी जाना, यानि खो जाना. यह बात पहले भी कही जा चुकी है कि इस खो जाने की प्रक्रिया को भबरिया कहा जाने लगा. ऐसा शब्द किसी भी शब्दकोश में... Read more
एक जाति-बिरादरी के लोग एक दूसरे से जुड़े एक कतार में घर बनाते तो इसे बाखली कहा जाता. बाखली के सभी घरों की धुरी एक सी सीध में होती जिसमें पाथर बिछे होते. बाखली में मकान एक बराबर ऊंचाई के तथा... Read more