पहाड़ों में जाड़े के जतन
अब ठंड के मौसम में कितना ही जतन करो,ओढ़ो-ढको. बिना आंग तापे बदन सेके, थुरथुराट दूर कहाँ होती. लकड़ी क्वेले सुलगाये बगैर अकड़ा बदन गर्माता ही कहाँ? काम के जोर में नहीं आता. तो कुकुड़िये रहने... Read more
बड़ी पवित्र और गुणकारी है पहाड़ी हल्दी
बड़ी ही जरुरी, पवित्र और उपयोगी मानी गई हल्दी. बोल भी फूटे:कसो लै यो हलैदियो बोटि जामियो… काचो हलदी को रंग, ध्वे बेर नै जान… हल्दी के घर जावो तो हलद मोलाइए (Uses of Turmeric) द... Read more
घुघुती की हमारे लोकजीवन में गहरी छाप है
घुघूती का महत्व देश के अन्य भागों में कितना है कह नहीं सकता किन्तु गढ़वाल-कुमाऊँ में घुघुती की छाप सबके मन में है. चैत-बैसाख की बात हो और घुघुती की बात न हो, ऐसा नहीं हो सकता. लोक संस्कृति य... Read more
हम होंगे सिनला पार एक दिन – 4 दारचूला से एक बार फिर काली नदी के झूला पूल को पारकर हम वापस लौटे. पुल पर तैनात जवानों को अपना सामान दिखाया तो वे भी मुस्कुराते हुए बोले, “ये भी कोई सामान... Read more
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – 42 (Column by Gayatree arya 42) पिछली किस्त का लिंक: तुम्हारे बारे में लिखने के लिए शब्द ही नहीं मिल रहे आज दोपहर में तुम्हारे सोते ही मैंने तुम्हें लिखना श... Read more
हम होंगे सिनला पार एक दिन – 3 हमारे पास समय था तो नदी पार दारचूला जाने की योजना बनी. वैसे भी पार हमारे लिए एक अजूबा विदेश ही था, जिसके बारे में बचपन से सुनते आए थे कि नेपाल के बाज़ार में मिल... Read more
औपनिवेशिक मूल्यों की तलछट पर बिछा एक लाचार समाज भारत को आज़ादी तो 1947 में मिल चुकी थी; मगर आज लगता है, आम आदमी तक पहुँचने में उसे पूरे सात दशक लग गए – 1950 से लेकर 2020 तक. दो-चार साल इधर य... Read more
झन दिया बौज्यू शराबी घर, शराबी देखि लागछि डर
इस बात में शायद ही दो राय हो कि उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में अर्थव्यवस्था की रीढ़ यहां की महिलायें रही हैं. पहाड़ में उनके जीवन के कष्ट भी किसी से छुपे नहीं हैं. इन कष्टों को बढ़ाया है शराब के... Read more
हम होंगे सिनला पार एक दिन – 2 वैन आगे बढ़ी तो मन में दारमा-व्यास की रहस्यमयी घाटियों की अनदेखी तस्वीरें हिलोरें लेने लगीं. इरादा था कि दोपहर तक हम धारचूला पहुंच जाएंगे और वहां नोटिफाइड... Read more
बसंत ऋतु आई गेछ फूल बुरूंशी जंगलो पारा
ठंड से ठिठुरते पहाड़ में लकदक पड़ी बरफ पिघलती है तो जबरदस्त कुड़कुड़ाट होता है. ह्युं पड़ते बखत तो चारों तरफ से घिर रहे बादल सब दिखने वाली चोटियों से लिपट जाते. एक गुम्म सी चुप्प लग जा... Read more