बहुत भरोसेमंद था रमुआ बल्द
बचपन गजब होता है जो बातें उन दिनों अखरती हैं वहीं बाद में मधुरता घोलती दिखाई देती हैं. कुछ बातें ऐसी होती हैं जो यूँ ही यादगार बन जाती हैं. भाबर में उन दिनों खेतों की जुताई का कार्य बैलों से... Read more
2 फरवरी 1925 को जन्मे पहाड़ के महान कलाकार जीत सिंह नेगी की आज पहली पुण्यतिथि है. जीत सिंह नेगी ने छः दशक से अधिक समय तक लोकसंगीत की साधना की थी. जीत सिंह नेगी को गढ़वाली गीत-संगीत-रंगकर्म क... Read more
कितनी बेबाकी से लिखता था भुला पंकज सिंह महर
पंकज सिंह महर था तो सरकारी नौकरी (विधानसभा में प्रतिवेदक/रिपोर्टर) में, पर राज्य बनने के दो दशक बाद भी विकास व व्यवस्था के स्तर पर जो चिंताजनक हालात हैं, उसके खिलाफ वह मुखर होकर सोशल मीडिया... Read more
उत्तराखण्ड की कद्दावर महिला नेता थी इंदिरा हृदयेश
कॉग्रेस व उत्तराखण्ड की राजनीति को आज रविवार (13 जून 2021) को एक बड़ा झटका लगा है. नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा ह्रदयेश का 80 साल की उम्र में दिल्ली में ह्रदयाघात से सवेरे लगभग 10.30 बजे निधन ह... Read more
अपने गीतों व गायन के माध्यम से लोगों में जनचेतना का संचार करने वाले और उत्तराखण्ड आन्दोलन के दौरान, लस्का कमर बाँधा, हिम्मत का साथा और धैं द्यूणौ हिंवाल च्यलौ ठाड़ उठौ, जगाओ मुछ्याल च्यलौ ठा... Read more
जनान्दोलनों के संघर्ष का प्रतीक था – त्रेपन चौहान की तेरहवीं पर जगमोहन रौतेला की भावभीनी श्रद्धांजलि
उत्तराखण्ड के जनान्दोलनों व जनसरोकारों के लिए काम करने वाली धारा को गत 13 अगस्त 2020 को तब गहरा आघात लगा है, जब उत्तराखण्ड में वर्तमान दौर में जनांदोलनों के प्रतीक बन चुके व चर्चित उपन्यासका... Read more
कालू चूड़ी वाला : हल्द्वानी और आस-पास के गाँवों की बेटी-ब्यारियों की चलती-फिरती ज्वैलरी शॉप
वह समय आज की तरह हवा में जहर घोल देने वाला नहीं था. तभी तो आज से चार-पांच दशक पहले कालू चूड़ी वाला हल्द्वानी से लगे आस पास के दर्जनों गाँवों की सैकड़ों /हजारों बेटी-ब्यारियों का चलता फिरता ब्... Read more
उत्तराखण्ड के लोक संगीत के एक युग थे जीत सिंह नेगी
एक पखवाड़े के भीतर उत्तराखण्ड के लोक संगीत को दूसरा बड़ा झटका रविवार 21 जून 2020 को लगा, जब यहॉ के लोकसंगीत के एक आधार स्तम्भ जीत सिंह नेगी का 94 साल की उम्र में देहरादून में निधन हो गया. इस... Read more
वरिष्ठ पत्रकार व उत्तराखण्ड के विभिन्न जनान्दोलनों में सक्रिय भागीदारी निभाने वाले पुरुषोत्तम असनोड़ा का 15 अप्रैल की शाम ऋषिकेश एम्स में निधन हो गया. उन्हें गत 12 अप्रैल को ह्रदयाघात के बाद... Read more
हिन्दी के प्रसिद्ध कथाकार डॉ. पानू खोलिया का कल 01 जनवरी 2020 को लम्बी बीमारी के बाद हल्द्वानी के मल्ली बमौरी स्थित आवास पर 80 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. कल ही उनकी अन्त्येष्टी रानीबाग स्... Read more