साझा कलम : फालतू पुराण
“आ गए अच्छे दिन? आज तो पलंग के नीचे से निकालकर ड्राइंग रूम तक आ गए, क्या बात है !”- जॉन लैपटॉप ने क्रिकेट बैट गुड्डू को ताना मारते हुए बोला. गुड्डू ने कुछ जवाब नहीं दिया, सिर्फ ह... Read more
पिंटी का साबुन: संजय खाती की अविस्मरणीय कहानी
कथाकार संजय खाती का जन्म 1962 ई. में अल्मोड़ा में हुआ. कथा लेखन के साथ-साथ पत्रकारिता में निरंतर सक्रिय हैं. अभी हिन्दी के एक प्रमुख दैनिक के सम्पादकीय विभाग में कार्यरत हैं. दो कहानी संग्रह... Read more
अपने को और मीठा और चिपचिपा बना रहा है नैनीताल
उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जिले के सदीगाँव में दिसंबर 1952 में जन्मे हरीशचन्द्र पाण्डे (Harish Chandra Pande) आजीविका के लिए भारतीय लेखा विभाग के महालेखाकार कार्यालय, इलाहाबाद में कार्य करते रहे.... Read more
वो शिखर पर जो गाँव है, वही काफलीधार है. किसने रखा होगा यह नाम? सोचती है लछिमा – कैसा है यह नाम? ‘काफल वाली धार!’ लेकिन सिर्फ काफल तो होता नहीं वहां. काफल के अलावा बुरुंश ह... Read more
जीवनानन्द दास की बनलता सेन
अनेक आलोचकों का ठोस यकीन है कि जीवनानन्द दास (Jibanananda Das) बांग्ला कविता के शीर्षस्थ कवि हैं – किसी भी कालखण्ड के. ठाकुर रवीन्द्र से भी बड़े और सुकान्त भट्टाचार्य से भी. उन्हें उनकी... Read more
सुमित्रानंदन पन्त की भारत माता
20 मई 1900 को उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जिले के कौसानी नामक स्थान में जन्मे सुमित्रानंदन पन्त (Sumitra Nandan Pant) हिन्दी कविता में छायावाद के मजबूत स्तम्भ माने जाते हैं. उनकी प्रमुख कृतियों मे... Read more
अंग्रेजों के ज़माने का पटवारी हुआ गुमानसिंह
जीवन भर हल्द्वानी (Haldwani) में रहे स्व. आनन्द बल्लभ उप्रेती (Anand Ballabh Upreti) राज्य के वरिष्ठतम पत्रकार-लेखकों में थे. हल्द्वानी से निकलने वाले साप्ताहिक ‘पिघलता हिमालय’ अ... Read more
आज के दिन जन्मा था वह विद्रोही कवि
जिन भारतीय कवियों ने बड़े पैमाने पर बीसवीं शताब्दी के परिदृश्य को प्रभावित किया, नामदेव लक्ष्मण ढसाल उनमें प्रमुख हैं. वे 1949 में आज ही के दिन जन्मे थे. मूलतः मराठी में रचनाएं करने वाले नामद... Read more
कुछ काम हम करते हैं कुछ करते हैं पहाड़
पहली जुलाई 1944 को उत्तराखंड के टिहरी जिले के धंगण गाँव में जन्मे लीलाधर जगूड़ी वर्तमान समकालीन में हिन्दी के शीर्ष कवियों में शुमार किये जाते हैं. उनकी प्रमुख कृतियों में शंखमुखी शिखरों पर (... Read more
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की कहानी उन्हीं की जुबानी
बीसवीं सदी में उर्दू के सबसे बड़े शायरों में थे फ़ैज़ अहमद ‘फ़ैज़’ (Faiz Ahmad Faiz). पूरी ज़िंदगी जनधर्मिता और रूमानियत से भरपूर शायरी करने वाले फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की सबसे मशहूर नज़्म... Read more