भूख सोचता रहा, भूख खाता रहा, दिल्ली आके रुका
पड़ताल – इब्बार रब्बी सर्वहारा को ढूँढ़ने गया मैं लक्ष्मीनगर और शकरपुर नहीं मिला तो भीलों को ढूँढ़ा किया कोटड़ा में गुजरात और राजस्थान के सीमांत पर पठार में भटका साबरमती की तलहटी पत्थर... Read more
[आज माइकेल जैक्सन का जन्मदिन है. दुनिया में उनके चाहनेवालों की संख्या करोड़ों में है. उन्हीं को याद करते हुए एक लेख.] अजीब बात है, लेकिन इस कहानी की शुरुआत एक जवान मौत के इर्द-गिर्द होती है... Read more
जोगी और गौरा की कथा
दिन भर रुक रुक कर बारिश और उसके साथ बर्फ पड़ती रही.माँ और दादी नंगे पैर पनदेरे से गागर में पानी सारते रहे.पूरे घर के लिए और गाय बाछी के लिए. दोनों के पैर ठंडी से नीले हो गए. दादा जी ने ओबरे म... Read more
‘अश्लील’ अफ़साने लिखने वाली अम्मा की सालगिरह है आज
पिछले बरस आज के दिन गूगल पर सफ़ेद साड़ी में लिपटी एक महिला का डूडल लगाया गया था. गूगल पिछले कुछ बरसों से इतिहास की धूल फांक रहे उन लोगों पर एक डूडल उनके जन्मदिन पर आधी रात को पोस्ट कर देता है... Read more
आज चंद्रकुंवर बर्त्वाल का जन्मदिन है. कुल 28 साल की आयु में क्षयरोग से दिवंगत हो गए चंद्रकुंवर अपने समय की हिन्दी कविता के बहुत बड़े हस्ताक्षर थे. चंद्रकुंवर बर्त्वाल के भीतर तत्कालीन आंदोलित... Read more
लघुशंका गृह और क्रान्ति – हरिशंकर परसाई मंत्रिमंडल की बैठक में शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘यह छात्रों की अनुशासनहीनता है. यह निर्लज्ज पीढ़ी है. अपने बुजुर्गो से लघुशंका गृह मांगने में भी इन... Read more
अच्छे लेखक को कुछ भी बरबाद नहीं कर सकता है
विलियम फॉक्नर का साक्षात्कार (अनुवाद : शिवप्रसाद जोशी) नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अमेरिकी उपन्यासकार विलियम फॉक्नर (1897-1962) के एक प्रसिद्ध साक्षात्कार का अंश. प्रस्तुत इंटरव्यू मशहूर साहि... Read more