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2 Comments

  1. Anshul Kumar Dobhal

    इसमें एक गड़बड़ है,
    1815 में गढ़वाल नरेश को उसका खोया हुआ राज्य, आधा-पाधा ही सही, अंग्रेजों की मदद से मिला था। उसके बाद से 1947 तक वे अंग्रेजों के अहसान तले स्वामिभक्त होकर रहे।
    इसलिए 1857 की क्रांति में कालू मेहरा का साथ देना, या आश्वासन देना गलत बात है।
    टिहरी नरेश ने 1857 के युद्ध में अंग्रेजों की हर संभव मदद की थी, सेना, रसद आदि, हर तरफ से।
    झांसी की रानी को हराने में भी इनका योगदान था।

  2. Karamvir

    काली कुमाऊं के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर कालू सिंह मेंहरा के वंशज आज भी आरक्षण से वंचित हैं।

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