हम सभी के अंदर एक कवि रहता है कम से कम भारतीयों के संबंध में तो यह कहा ही जा सकता है. अनुकूल वातावरण मिलने पर यह कवि, शायर, गायक जैसा कुछ भी बन सकता है. जब इस कवि को कुछ निहायत कमीने दोस्तों से हवा मिलती है तो यह एक निहायत झेल घटिया कवि या गायक बनता है. Worst Shayari on New Year
क्योंकि हमको लगता है कि कविता बनाई जाती है इसलिये हम कवि बनते हैं. हमें कविता बनाने के दौर में ही अपने अंदर बन रहे कवि को मार देना चाहिये.
जब हम कवि बनते हैं तो हम सुबह के लिये, शाम के लिये, दीपावली के लिये, होली के लिये, ईद के लिये या नये साल के लिये कविता बनाते हैं और कविता बनाने के इस क्रम में हम भूल जाते हैं कि दुनिया में कभी किसी कवि ने कविता नहीं बनाई है.
समय के साथ हमारे अंदर का यह कवि इतना वर्सटायल हो जाता है कि देशकाल परिस्थिति के साथ अपना रूप बदल लेता है. जैसे की नये साल के दिन यह शायर हुआ बैठता है. नया साल आने से पहले आज पढ़िये दुनिया की कुछ चुनींदा घटिया शायरियां
पुराना साल सबसे हो रहा है दूर
पुराना साल सबसे हो रहा है दूर
क्या करे यही है कुदरत का दस्तूर
पुरानी यादे सोचकर उदास न हो तुम!
नया साल आया है चलो
‘धूम मचाले, धूम मचाले धूम!
जब तक तुमको न देखूं
मेरे दिल को करार न आएगा
तुम बिन तो जिंदगी में हमारी
नये साल का ख्याल न आयेगा
लिख रहा था आ गया भूचाल
कैलेण्डर में देखा आ गया नया साल
हाथों में अंगूठी अंगूठी में नगीना
मेरे दोस्त को मुबारक जनवरी का महीना
नववर्ष की शुभ बेला पर,
क्या भेजूं उपहार तुम्हें
उपहार हमारा कुछ भी नहीं
सौ बार हमारा प्यार तुम्हें
किसी को फूल मुबारक किसी को हार मुबारक
मेरे प्रिय दोस्त तुम्हे नया साल मुबारक
पायल की झंकार हो रस्ते रस्ते
नया साल मंगलमय हो हँसते हँसते
परात में परात परात में आटा
नया साल आया पुराने साल को टाटा
दिन को रात से पहले
चांद को सितारों से पहले
दिल को धड़कन से पहले
और आपको सबसे पहले
हैप्पी न्यू ईयर
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करारा जबाब और प्रतिकार, साहित्य के लिए जहां ऐसी विसंगतियां दिख रही है वहीं इनको ज्यादा तज्जबो देनी की जरूरत भी नहीं ।