पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि अंकिता हत्याकांड में बार-बार जिस वीआईपी का नाम आ रहा है उसका खुलासा होना जरूरी है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार चाहे तो घटना की सीबीआई जांच भी कराई जा सकती है. (CBI Ankita Murder Case)
इसी बीच अंकिता हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग को लेकर सचिवालय की महिला कर्मचारियों ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है.
कल न्यायालय द्वारा एसआईटी की आरोपियों को रिमांड में लिए जाने की दरख्वास्त मंजूर कर ली. आज से आरोपी 3 दिन की रिमांड में होंगे, जिससे इस मामले की छानबीन में तेजी आयेगी. आरोपियों को रिमांड में लिए जाने के बाद इस मामले में कुछ नए खुलासे भी सामने आ सकते हैं.
अंकिता भंडारी केस में अब तक क्या हुआ?
मुख्य अभियुक्त पुलकित आर्य के पिता आरएसएस के प्रभावशाली नेता हैं. सत्ता पर उनकी पकड़ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वे खुद दर्जा राज्यमंत्री रहे हैं और उनके दूसरे बेटे को इस हत्याकाण्ड के बाद अनुसूचित जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष पद से हटाया गया है. पुलकित के पिता तो अपने बेटे के साथ मजबूती से खड़े हैं ही, हाल ही में आरएसएस के एक अन्य नेता विपिन कर्णवाल ने जिस तरह से पीड़ित परिवार के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश की उससे अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि सत्ता पक्ष के और लोग भी आरोपियों के साथ खड़े हो सकते हैं.
विपिन कर्णवाल की टिप्पणी पढ़ें : अंकिता हत्याकांड पर टिप्पणी करने वाले आरएसएस नेता के खिलाफ मुकदमा दर्ज पुलिस तलाश में जुटी
ऐसे में स्थानीय एजेंसियों की जांच किस हद तक निष्पक्ष होगी कहना मुश्किल है. यह मामला जितना हाई प्रोफाइल है उसमें यह जरूरी है कि मामले की जांच कोई बड़ी एजेंसी करे. जो सत्ताधारियों के दबाव को झेलकर मामले का सच सामने ला सके. ऐसे में लगता तो यही है कि सीबीआई जांच से ही इस मामले का असली सच सामने आ सकता है.
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