उत्तराखंड के अल्मोड़ा की पहचान के कई आयाम हैं, पहाड़ों में बसा ये प्राचीनतम शहर आधुनिकता को अपनाने में भी पीछे नहीं है पर जो चीज अल्मोड़ा को अनूठा बनाती है वो है यहां के लोगों का अपनी संस्कृति के प्रति प्रेम और त्योहारों को पूरे दिल से जीने की परंपरा. ऐसा ही एक उत्सव आजकल अल्मोड़ा में चल रहा है, “रामलीला” जी हां अल्मोड़ा की विश्व प्रसिद्ध रामलीला.
(Hukka Club Ramlila Almora 2022)
पिछले कई महीनों की तालीम के बाद अल्मोड़ा के कलाकार आजकल रामलीला के मंच पर अपनी प्रतिभा का जलवा बिखेर रहे हैं. इन कलाकारों में आप बहुत कम उम्र के कलाकार देखेंगे जो अपनी जिंदगी और रंगमंच की शुरुआत अल्मोड़ा के इन रामलीला के मंचों से करते हैं ये मंच इनकी रंगमंच की प्राथमिक पाठशाला की तरह ही हैं जो आगे चलकर इनकी प्रतिभा को देश और विश्व स्तर पर ले जाने में सहायक होते हैं. वहीं इन मंचों पर आप को अल्मोड़ा के बुजुर्ग कलाकार और रंगकर्मी भी मिलेंगे जिन्होंने तकरीबन अपना पूरा जीवन इस कला को समर्पित कर दिया है.
(Hukka Club Ramlila Almora 2022)
अपने बूढ़े हाथों से इन कलाकारों का मेकअप करते उनके चेहरों पर कूची चलाते वो कलाकारों के चेहरों में रामलीला के पात्रों को भर देते हैं. बहुत सीमित साधनों के बावजूद अल्मोड़ा की रामलीलाएं आपको बहुत कुछ दे जाती हैं. आप भी आनंद लीजिए अल्मोड़ा की रामलीला का इन तस्वीरों के माध्यम से. फोटो अल्मोड़ा के हुक्का क्लब में कल रात हुए सीता स्वयंवर के मंचन के हैं. सभी तस्वीरें काफल ट्री के अनन्य साथी जयमित्र सिंह बिष्ट द्वारा ली गयी है-
(Hukka Club Ramlila Almora 2022)
जयमित्र सिंह बिष्ट
अल्मोड़ा के जयमित्र बेहतरीन फोटोग्राफर होने के साथ साथ तमाम तरह की एडवेंचर गतिविधियों में मुब्तिला रहते हैं. उनका प्रतिष्ठान अल्मोड़ा किताबघर शहर के बुद्धिजीवियों का प्रिय अड्डा है. काफल ट्री के अन्तरंग सहयोगी.
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राम लीला तो भव्य है पर शिव धनुष ने बेहद निराश किया।