Featured

भ्वींन : रात में गाये जाने वाले धार्मिक कुमाऊनी गीत

भ्वींन को भ्वैन या भ्वैंनी भी कहते हैं. झोड़ा और चांचरी की तरह गाया जाने वाला यह समूह गीत वृत्ताकार घेरे में खड़े होकर गाया जाता है. विषयवस्तु और लय के आधार पर भ्वींन झोड़ों से बहुत अलग है. Traditional Kumaoni Geet Bhveenn

झोड़ा और चांचरी की अपेक्षा भ्वींन की लय धीमी होती है इसीकारण इसमें कदम भी धीरे पढ़ते हैं. भ्वींन प्रबंधात्मक होते हैं जिनमें स्थानीय देवी-देवताओं, ऐतिहासिक या धार्मिक-पौराणिक पुरुषों की गाथा गायी जाती है.

भ्वींन नवरात्रियों या बैसियों में मंदिर परिसर में रात्रि में ही गाये जाते हैं. सामन्यतः भ्वींन गायन में केवल पुरुष ही भाग लेते हैं परन्तु पिछले कुछ वर्षों में महिलायें भी इसमें भाग लेती देखी जा सकती हैं.

गाने में दो दल होते हैं. एक दल पहले गाता है फिर दूसरा उसे दोहराता है. गोलाकार घेरे के बीच में खड़ा एक व्यक्ति गीत के बोलों के आधार पर हुड़का बजाता है. Traditional Kumaoni Geet Bhveenn

भ्वींन में किसी भी प्रकार के प्रेमपरक एवं श्रृंगारिक गीतों को शामिल नहीं किया जाता है इसमें केवल धार्मिक और आध्यात्मिक गीत ही शामिल होते हैं. रामायण गाथा से संबन्धित एक भ्वींन गीत का आनन्द लीजिये :

ब्याला भरी नौंनी, प्याला भरी ह्यू.
अयोध्या का राजा छिया, दशीरथ ज्यू.
क्वाड़ा खोड़ी भद्याली, भद्याली लागौ खै.
छन राजा तीन रानी, तिसंतानी भै.
गाड़ा फुलो मलेसिया, भिड़ फुली जै.
सुनुकि नथुली रै, सुनक पंवारा.
हैगी राजा दसरथ, चारै कुंवारा.
ब्याला भरी नौंनी, प्याला भरी ह्यू.
भरत शत्रुघन, राम लछी ज्यू.

डॉ. हयात सिंह रावत

यह लेख श्री नंदा स्मारिका 2009 में कुमाऊंनी मासिक पत्रिका ‘पहरु’ के सम्पादक डॉ. हयात सिंह रावत द्वारा लिखे लेख के आधार पर तैयार किया गया है.

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

View Comments

Recent Posts

यम और नचिकेता की कथा

https://www.youtube.com/embed/sGts_iy4Pqk Mindfit GROWTH ये कहानी है कठोपनिषद की ! इसके अनुसार ऋषि वाज्श्र्वा, जो कि…

12 hours ago

अप्रैल 2024 की चोपता-तुंगनाथ यात्रा के संस्मरण

-कमल कुमार जोशी समुद्र-सतह से 12,073 फुट की ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ को संसार में…

15 hours ago

कुमाउँनी बोलने, लिखने, सीखने और समझने वालों के लिए उपयोगी किताब

1980 के दशक में पिथौरागढ़ महाविद्यालय के जूलॉजी विभाग में प्रवक्ता रहे पूरन चंद्र जोशी.…

5 days ago

कार्तिक स्वामी मंदिर: धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का आध्यात्मिक संगम

कार्तिक स्वामी मंदिर उत्तराखंड राज्य में स्थित है और यह एक प्रमुख हिंदू धार्मिक स्थल…

7 days ago

‘पत्थर और पानी’ एक यात्री की बचपन की ओर यात्रा

‘जोहार में भारत के आखिरी गांव मिलम ने निकट आकर मुझे पहले यह अहसास दिया…

1 week ago

पहाड़ में बसंत और एक सर्वहारा पेड़ की कथा व्यथा

वनस्पति जगत के वर्गीकरण में बॉहीन भाइयों (गास्पर्ड और जोहान्न बॉहीन) के उल्लेखनीय योगदान को…

1 week ago